- गुलरिहा के भटहट में सत्यम नर्सिंग होम के नाम से संचालित किया जा रहा था अवैध हॉस्पिटल, लापरवाही से अस्पताल में हुई थी एक महिला की मौत
- दिल्ली के संत नगर बुराड़ी बाबा कालोनी में रहता था डॉ. सुनील सरोज, गोरखपुर सीएमओ कार्यालय में पूर्व में तैनात दो चिकित्सकों की भी हो रही तलाश
गोरखपुर के एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बीते गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि सत्यम हॉस्पिटल का पंजीकरण कराने वाला डा. सुनील सरोज मूल रूप से प्रयागराज जिले के शिवकुटी गोविंदपुरी का रहने वाला है. गुलरिहा थाने के भटहट स्थित सत्यम हॉस्पिटल का पंजीकरण कराने के बाद वह दिल्ली चला गया था. पिछले दिनों हॉस्पिटल में एक महिला की मौत होने के बाद उसके स्वजन ने संचालक, आपरेशन करने वाले डॉक्टर व सहयोगियों के खिलाफ पीड़िता के पति व उप मुख्य चिकित्साधिकारी की तहरीर पर गुलरिहा पुलिस मुकदमा संख्या 14 / 23 धारा 304, 419, 420, 34, 313, 34, 417 भादवि0 व 15 ( 3 ) इण्डियन मेडिकल काउंसिल ऐक्ट व मुकदमा संख्या 17 / 23 धारा 419, 420, 465, 468, 471, 120बी भादवि0 व 15 (3) इण्डियन मेडिकल ऐक्ट के तहत केस दर्ज कराया था. संचालक समेत चार आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. फरार चल रहे डॉ. सुनील सरोज पर पुलिस ने 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. पुलिस टीम ने गुरुवार को डॉक्टर सरोज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
एसपी सिटी ने बताया कि पुलिस की जांच में पता चला कि कूटरचित दस्तावेज के जरिए सत्यम हॉस्पिटल का पंजीकरण कराने में सीएमओ कार्यालय गोरखपुर में पूर्व में तैनात डिप्टी सीएमओ डॉ. नीरज कुमार पांडेय और डॉ. एसएन प्रसाद का नाम सामने आया है. उन्होंने बताया कि गोरखपुर तैनाती के दौरान डॉ. नीरज पांडेय जिले के प्राइवेट अस्पताल, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन का रजिस्ट्रेशन का काम देख रहे थे. एसपी सिटी ने बताया कि जिन लोगों का नाम सामने आया है उनकी तलाश की जा रही है.
यह था घटनाक्रम
सत्यम हॉस्पिटल बासस्थान रोड भटहट थाना गुलरिहा गोरखपुर को विगत कई वर्षों से अवैध तरीके से संचालित हो रहा था. संचालक से चिकित्सक द्वारा अनुचित लाभ लेकर चिकित्सा सम्बन्धी प्रमाण-पत्र देकर व कूट रचित शपथ पत्र आदि प्रस्तुत कर रजिस्ट्रेशन अस्थायी चिकित्सक के रुप में कराया था. उसका यह कृत्य आपराधिक षड्यन्त्र के तहत सहयोग करने व नर्सिंग होम में मौजूद न रहने जिससे अप्रशिक्षित व्यक्तियों द्वारा आपरेशन व दवा इलाज करने से महिला की मृत्यु हो जाना था. जिसके संबंध में महिला के पति और उप मुख्य चिकित्साधिकारी की तहरीर के आधार पर दो मुकदमे गुलरिहा थाना पर दर्ज किये गए हैं. इस मामले में अस्पताल का संचालक पहले ही जेल भेज जा चुका है.