GO GORAKHPUR:प्रतिबंधित चीनी मंझा से जान जोखिम में पड़ जा रही है.मंगलवार शाम एक वाकया ऐसा ही हुआ. राह गुजर रहे एक बिजलीकर्मी के गले में मंझा उलझा, वे जख्मी हो गए. घाव गहरा था, उन्हें आनन-फानन में आसपास के लोगों ने एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. चीनी मांझे से आए दिन हादसे हो रहे हैं, लेकिन इसकी बिक्री पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है. हालांकि इस तरह के जुर्म पर्यावरण की अनदेखी में शुमार हैं नतीजतन राष्टीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने उल्लंघन पर पांच साल की सजा या एक लाख जुर्माना का प्रावधान किया हुआ है.
हुआ यूं कि बिजली विभाग में कार्यरत हुमायूंपुर उत्तरी निवासी विजय प्रकाश चौधरी मंगलवार को ड्यूटी पूरी कर घर जा रहे थे. अलीनगर से तरंग क्रॉसिंग पुल पर पहुंचे थे कि उनके गले में पतंग का मांझा फंस गया. अभी वह कुछ समझ पाते तब तक उनकी गर्दन कट गई और उससे तेजी से खून बहने लगा. राहगीरों की मदद से उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया, यहां उनका इलाज चल रहा है.
चीनी मांझे से एक और घायल
चीनी मांझे से हुमायूंपुर में ग्रीन सिटी निवासी ईशानंद पांडेय भी घायल हो गए थे. सोमवार को ईशानंद पांडेय तिवारीपुर में दुर्गा जी का पाठ करने जा रहे थे. इसी दौरान मांझे की चपेट में आ गए. नाक पर गहरा घाव हो गया. तत्काल परिचितों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया.
नहीं है सख्ती
पतंग उड़ाने का शौक राहगीरों के लिए मुसीबत बन गया है. पतंगबाजी के लिए बाजारों में धड़ल्ले से चीनी मांझा बिक रहा है. जबकि, यह प्रतिबंधित है. कटने के बाद सड़कों और छतों पर गिरने वाली पतंगों में लगे चीनी मांझे में उलझकर लोग और पंछी भी घायल हो रहे हैं, लेकिन इसकी बिक्री पर प्रतिबंध सख्ती से लागू नहीं हो पा रहा है.
ऐसे तैयार करते हैं घातक मांझा
जानकारी के मुताबिक, चीनी मांझे को नायलॉन और मैटेलिक पाउडर से मिलाकर बनाया जाता है, जो की काफी लचीला होता है. पतंग के पेच लड़ाते समय यह आसानी से कटने के बजाय खिंच कर और बढ़ जाता है. साथ ही सामान्य डोर से बने मांझे से सस्ता होने के चलते भी लोग इसे खरीदते हैं. पतंग कटने के बाद यह मांझा पंछियों के साथ ही दो पहिया वाहन चालकों के हाथ और गले में फंसकर उन्हें घायल करता है, कई मामलों में तो इससे लोगों की जान भी जा चुकी है.
क्या कहता है एनजीटी का कानून
वर्ष 2017 में एनजीटी ने चीनी मांझे पर पाबंदी लगा दी थी. इसके बाद कहा गया था कि चीनी मांझा बेचने वालों के खिलाफ एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट (पर्यावरण संरक्षण अधिनियम) के तहत कार्रवाई की जाए. यदि किसी के खिलाफ इस अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी तो उसे पांच साल की सजा या एक लाख जुर्माना तक हो सकता है. लेकिन, इस पर कार्रवाई नहीं की जाती है. इसकी एक वजह यह भी है कि कोई आगे आता नहीं और इसकी खरीद-फरोख्त करने वाले इसका फायदा उठाते हैं.
पहले भी हुईं हैं घटनाएं
इसी वर्ष 12 जनवरी को सूरजकुंड निवासी बबलू मैकेनिक, 16 जनवरी को मोहद्दीपुर में राजीव कुमार, 23 दिसंबर 2022 को सीए फाइनल की छात्रा मेहता, 2021 में नौसड़ के पास खजनी के संजय निगम इस मंझे के शिकार हो चुके हैं. अपने अपने तरह से सबने जान बचाई.
पूर्णतः प्रतिबंधित हैः सिटी मजिस्ट्रेट
सिटी मजिस्ट्रेट अंजनी सिंह ने कहा कि चीनी मांझा पूरी तरह से प्रतिबंधित है. अगर किसी को भी इसकी बिक्री होने की जानकारी मिलती है तो इसकी जानकारी प्रशासन को दें. तत्काल कार्रवाई की जाएगी. साथ ही पुलिस को भी निर्देश दिया जाएगा कि संबंधित थाना क्षेत्र में निगरानी करें कि चीनी मांझे की बिक्री न हो.
एक नजरिया यह भी
पतंग उड़ाने वालों में ज्यादा संख्या किशोर वय की हुआ करती है. पतंगे उनकी कल्पना को पंख देती हैं. चीनी मांझे के अंजाम के बारे में उनके अभिभावक उन्हें समझा कर प्रयोग न करने के लिए राजी कर सकते हैं. सख्त नियमों का हवाला दे उन्हें जागरुक कर सकते हैं. आर्थिक प्रतिबंध लगा सकते हैं. वे बिक्री करने वाले दुकानदार अथवा व्यक्ति की गुप्त सूचना प्रशासन अथवा बीट सिपाही को दे सकते हैं. इस तरह वे एक बेहतर व जिम्मेदार समाज निर्माण में अपनी अहम भूमिका का निर्वाह कर सकते हैं.
If you have any news or information happening around you that you would like to share, we encourage you to reach out to us at 7834836688/contact@gogorakhpur.com. Your input is valuable to us, and we appreciate your efforts in keeping us informed about the latest events and occurrences.