घटना गोरखनाथ इलाके के कौड़िहवा मोड़ स्थित मां तारा इलेक्ट्रिक एंड पेंट शॉप की है.
सांकेतिक फोटो
GO GORAKHPUR:महानगर के गोरखनाथ इलाके में शुक्रवार को तकरीबन आधी रात एक पेंट के गोदाम में अचानक आग लग गई. गोदाम में रखा सभी सामान जलने लगा. नीचे दुकान और गोदाम में आग लगी थी, जबकि बिल्डिंग के उपरी हिस्से में दुकान मालिक अपने परिवार के साथ सो रहे थे. बिल्डिंग से उठती आग की लपटें देख वहां से गुजर रहे एक ऑटो चालक ने देखा. उसने नागरिक धर्म का पालन करते हुए मकान में लगी कॉल बेल बजाई और इसकी सूचना मकान मालिक को दी. घटना गोरखनाथ इलाके के कौड़िहवा मोड़ स्थित मां तारा इलेक्ट्रिक एंड पेंट शॉप की है.
जबतक बात समझ में आती आग पूरी बिल्डिंग में फैल गई. मकान मालिक के बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा. फिर मकान मालिक और ऑटो ड्राइवर ने इसकी सूचना पुलिस और फॉयर बिग्रेड को भी दे दी. फॉयर ब्रिगेड के अधिकारी मौके पर पहुंचे.

फॉयर ब्रिगेड ने बचाई जान 
फॉयर ब्रिगेड वालों ने मकान मालिक से किसी तरह मकान के पिछलेवाले हिस्से से बाहर आने को कहा. आसपास के लोगों ने मदद की और मकान के पीछले हिस्से में सीढ़ी लगायी. फॉयर ब्रिगेड वालों ने उपर फंसे मकान मालिक,पत्नी , दो बच्चों आदित्य और आरोही को बाहर निकाला. फिलहाल सभी सुरक्षित हैं.

उपर सो रहे थे मकान मालिक
दो सगे भाई पवन जयसवाल और अवधेश जयसवाल गोरखनाथ इलाके के कौड़िहवा मोड़ स्थित मां तारा इलेक्ट्रिक एंड पेंट शॉप मिलकर चलाते हैं. अवधेश जयसवाल अपनी पत्नी, बच्चों और माता पिता के साथ दुकान के ऊपर रहते हैं. जबकि, उनके दूसरे भाई पवन जयसवाल अपने परिवार के साथ गोरखनाथ इलाके के रामनगर में रहते है. शुक्रवार को अवधेश के माता- पिता लखनऊ गए हुए थे. घटना के समय सिर्फ अवधेश अपनी पत्नी और बच्चों के साथ घर में थे.


दुकान में पेंट होने से फैल गई आग
अनुमान है कि दूकान में अचानक शॉर्ट सर्किट से आग लग गई. दुकान में इलेक्ट्रिक के सामानों के साथ पेंट और अन्य पेट्रोलियम आईटम रखे हुए थे. इसकी वजह से आग कुछ ही देर में चारो तरफ फैल गई. चूंकि अवधेश मकान की उपरी मंजिल पर सोए हुए थे स्वाभाविक था कि उन्हें तत्काल जानकारी नहीं हो सकी. 


बीएन डायर्स से पानी भरकर लाई दमकल की गाड़ियां
 फॉयर बिग्रेड की 12 गाड़ियों ने करीब 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू भी पाया. सब प्रयास के बावजूद घटना में लाखों का सामान जलकर राख हो गया. दमकल सूत्र बताते हैं कि आग पर काबू पाने के लिए दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची. इसके बाद पानी खत्म हो गया. फिर फॉयर ब्रिगेड की गाड़ियों ने बरगदवा स्थित बीएन डायर्स से संपर्क साधा. यहां से लगभग 50 चक्कर पानी भरकर लाया गया. तब जाकर करीब 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग बुझाई जा सकी.


क्या है शार्टसर्किट
विशेषज्ञ बताते हैं कि जब एक ही सॉकेट में कई सारे उपकरण जुड़े होते हों या कम पावर वाले सॉकेट में हाई वोल्टेज वाले उपकरण जोड़ दिए जाते हैं, तब तारों में बिजली का प्रवाह एकदम से बढ़ जाता है. यही शॉर्ट सर्किट का मुख्य कारण बनता है.
कभी कभी सर्किट में प्रयुक्त तारों का इंसुलेशन जल जाता है या उपयोग किए जाने वाले उपकरण के दोषपूर्ण होने के कारण लाइव तार और न्यूट्रल तार सीधे संपर्क में आजाते हैं, तो सर्किट में करंट बढ़ जाता है और शॉर्ट सर्किट होता है. 
 


शॉर्ट सर्किट को कैसे रोका जाए : 
 
  •  उपयोग के बाद उपकरणों के प्लग को सॉकेट से निकाल दें.  
  • प्लग को निकालते समय सॉकेट को दूसरे हाथ से पकड़कर रखें.  
  •  उपकरणों के प्लगों और बिजली के तारों को पानी और आग से दूर रखें. 
  •  एक ही सॉकेट में ज्यादा उपकरणों को इस्तेमाल करने के लिए मल्टी प्लग का उपयोग करें.  
  • एसी, फ्रिज, वाशिंग मशीन आदि उपकरणों के प्लग 16 ऐंपीयर के ही पावर सॉकेट में लगाएं.  
  •  ऐसे उपकरणों को सुधरवाएं या उपयोग ना करें, जिनकी केबल डैमेज हो. 
  •  कभी भी केबल को कारपेट आदि के नीचे ना फैलाएं.  
  •  ऐसे सॉकेट को बदलवा दें या उनका उपयोग ना करें, जिनपर जलने के निशान हों या जिनमें से गंध आ रही हो.
 
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By गो गोरखपुर

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