GO GORAKHPUR:गोरखपुर जिले में कोरोना के मरीज बढ़ने की वजह से एक बार फिर सतर्क रहने की जरूरत है. खांसी, जुकाम, गंध और स्वाद जाने के साथ ही बुखार को भी सामान्य न समझिए. ऐसे लक्षण मिलने पर तत्काल अस्पताल में जाकर सलाह लेने की जरूरत है. क्योंकि, आमतौर पर इसे मौसमी बीमारी समझने की लोग भूल कर बैठ रहे हैं और फिर गंभीर परिणाम सामने आते हैं. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है.
सबसे आम लक्षण
बुखार, खांसना, थकान, स्वाद या गंध की हानि, सिरदर्द, गला खराब होना, दस्त, त्वचा पर रैशेज होना, दर्द एवं पीड़ा, लाल या चढ़ी आंखें.
सांस लेने में कठिनाई, छाती में दर्द.
शुरुआत बीआरडी मेडिकल कालेज से करते हैं. यहां मरीज के साथ केवल एक तीमारदार को ही प्रवेश मिलेगा.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गणेश कुमार ने बताया कि एहतियात के तौर पर अब बीआरडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के साथ केवल एक तीमारदार की इंट्री होगी. यह व्यवस्था शुक्रवार से लागू कर दी गई है. इसके अलावा सभी से अपील की गई है कि मास्क पहनकर बीआरडी में आएं. साथ ही कोविड प्रोटोकाल का पालन करें. सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को फिर से कोरोना से बचाव के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा.
गंभीर मरीजों का होगा आरटीपीसीआर
उधर सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया विदेश के साथ ही देश में कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं. गोरखपुर जिले में भी मरीज पाए गए हैं. इसे देखते हुए सभी सीएचसी अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि केंद्र पर आने वाले 10 फीसदी मरीजों की एंटीजन किट से कोरोना जांच करें. संदिग्ध मिलने वाले मरीजों की आरटीपीसीआर जांच कराएं.
इनमें जिन मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग भी कराई जाएगी. सभी कोविड अस्पतालों को तैयार रहने का भी निर्देश दिया गया है. साथ ही ब्लॉक स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम को सक्रिय करने का निर्देश दिया गया है. बताया कि करीब 42 से अधिक टीमें कोरोना के समय सक्रिय थीं. ये टीमों मरीजों की जांच के साथ उन्हें दवाएं पहुंचाती थीं.
2,832 बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व
कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 55 अस्पतालों में 2,832 बेड तैयार किए गए हैं. इन बेडों पर कोरोना मरीजों का इलाज होगा. इसके अलावा सभी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को भी अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है. कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए 11 सरकारी और 44 निजी हॉस्पिटल को तैयार रहने का निर्देश दिया गया है.
सरकारी अस्पताल में 1485 और निजी हॉस्पिटल में 1347 बेड का उपयोग जरूरत पड़ने पर किया जाएगा. आईसीयू की बात करें तो कुल 1023 आइसीयू बेड तैयार किए गए हैं. इनमें 562 सरकारी और 461 निजी अस्पताल में हैं.
इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में 923 आइसोलेशन बेड और और निजी अस्पतालों में 886 बेड हैं. बच्चों के लिए 26 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू और वेंटिलेटर भी तैयार किए गए हैं. वहीं, जिला अस्पताल के पीआईसीयू में 17 बेड के साथ वेंटिलेटर की सुविधा दी जाएगी.
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