Last Updated on September 27, 2025 6:50 AM by गो गोरखपुर ब्यूरो
1 लाख का इनामी पशु तस्कर जुबैर रामपुर में STF एनकाउंटर में ढेर
घटना पर एक नजर | |
पीड़ित | छात्र दीपक गुप्ता (उम्र 19 वर्ष) |
घटनास्थल | गोरखपुर, पिपराइच (जंगल धूषण महुआ चापी) |
मुख्य आरोपी | पशु तस्कर जुबैर (निवासी: घेर मर्दान खां, रामपुर) |
हत्या का तरीका | जबरन डीसीएम में बैठाकर घुमाया और फिर फेंक दिया |
मुठभेड़ स्थल | रामपुर, गंज क्षेत्र |
इनाम की राशि | 1 लाख रुपये |
मुठभेड़ में शामिल | यूपी एसटीएफ और गंज थाना पुलिस |
रामपुर: गोरखपुर के पिपराइच क्षेत्र में छात्र दीपक गुप्ता की हत्या के मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपी और एक लाख के इनामी पशु तस्कर जुबैर को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) ने एक बड़ी कार्रवाई में मार गिराया है। शुक्रवार देर रात एसटीएफ और रामपुर की गंज थाना पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में जवाबी फायरिंग में यह तस्कर ढेर हो गया। पुलिस ने उसके शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल भेज दिया है। इस मुठभेड़ से गोरखपुर में हुई सनसनीखेज वारदात के मुख्य आरोपी का अंत हो गया है, जिसे लेकर पुलिस और एसटीएफ लगातार तलाश में जुटी हुई थी।
पिपराइच में क्या हुआ था?
गोरखपुर के पिपराइच क्षेत्र के जंगल धूषण महुआ चापी गांव में एक रात तीन गाड़ियों से पशु तस्कर पहुंचे थे। वे मवेशियों को खूंटे से खोलने की कोशिश कर रहे थे, तभी गांव वालों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। इसी दौरान 19 वर्षीय छात्र दीपक गुप्ता भी शोर सुनकर तस्करों के पीछे दौड़ा। तस्करों ने दीपक को पकड़कर जबरन एक डीसीएम (ट्रक) में बैठा लिया। बताया गया कि वे उसे करीब एक घंटे तक घुमाते रहे और फिर चलती गाड़ी से फेंक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। क्रूरता की हद पार करते हुए पशु तस्करों ने युवक के शव को उसके घर से लगभग चार किलोमीटर दूर ले जाकर फेंक दिया था।
गुस्साई भीड़ ने जला दी थी तस्करों की डीसीएम
इस भयानक घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया था। गुस्साई भीड़ ने पशु तस्करों की एक डीसीएम को आग के हवाले कर दिया था। हालांकि, घटना के बाद तस्कर दूसरे वाहन से फरार होने में सफल रहे थे। सूचना मिलने पर जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, तो स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच तीखी बहस और धक्का-मुक्की भी हुई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
मुख्य आरोपी जुबैर पर था एक लाख का इनाम
गोरखपुर पुलिस ने इस मामले में गहन छानबीन की, जिसके बाद रामपुर शहर कोतवाली क्षेत्र के घेर मर्दान खां निवासी जुबैर का नाम मुख्य आरोपी के रूप में सामने आया। जुबैर पशु तस्कर था और पुलिस को उसकी सरगर्मी से तलाश थी। उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। एसटीएफ और पुलिस तभी से जुबैर की तलाश में जुटी थीं।
रामपुर में देर रात हुई मुठभेड़
शुक्रवार देर रात एसटीएफ को जुबैर के रामपुर में होने की सूचना मिली। एसटीएफ की टीम ने उसका पीछा करना शुरू किया। रामपुर के गंज क्षेत्र में एसटीएफ और गंज पुलिस ने जुबैर को रोकने का प्रयास किया। पुलिस को देखते ही जुबैर ने फायरिंग शुरू कर दी। अपनी और पुलिस टीम की जान बचाने के लिए एसटीएफ और थाना पुलिस ने जवाबी फायरिंग की। पुलिस की गोली लगने से पशु तस्कर जुबैर मौके पर ही ढेर हो गया। पुलिस अधीक्षक (एसपी) विद्या सागर मिश्र ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि गोरखपुर प्रकरण में शामिल तस्कर के साथ एसटीएफ और गंज पुलिस की मुठभेड़ हुई थी, जिसके गोली लगने से वह मारा गया। शव को जिला अस्पताल भेज दिया गया है।
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पहले भी पुलिस पर हमला कर चुका था जुबैर
गोरखपुर कांड में नाम आने वाले जुबैर का आपराधिक इतिहास रहा है। इसी साल, बलरामपुर के तुलसीपुर थाना क्षेत्र में गोवंशीय पशुओं को ले जाते समय पुलिस ने उसे रोका था। उस समय उसने और उसके साथियों ने पुलिस टीम पर हमला किया था, जिसमें हेड कांस्टेबिल मनीष कुमार के सिर में गंभीर चोट आई थी। बलरामपुर पुलिस ने तब उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। बाद में शहजादनगर क्षेत्र में बाईपास के पास एसटीएफ और शहजादनगर पुलिस के साथ हुई एक मुठभेड़ में वह घायल हुआ था और उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था। जेल से बाहर आने के बाद ही उसने गोरखपुर में छात्र दीपक की हत्या की जघन्य घटना को अंजाम दिया था।