गोरखपुर में एक रिटायर्ड शिक्षक से खुद को NIA अधिकारी बताकर 14 लाख रुपये ठगे गए। साइबर पुलिस ने 'डिजिटल अरेस्ट' जालसाजी का शिकार हुए पीड़ित को 13.87 लाख रुपये वापस दिलाए।
गोरखपुर, 27 अगस्त: गोरखनाथ थाना क्षेत्र में एक रिटायर्ड शिक्षक को ‘डिजिटल अरेस्ट’ करने का झांसा देकर 14 लाख रुपये की ठगी करने वाले जालसाजों के खिलाफ साइबर क्राइम पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस की तत्परता से पीड़ित शिक्षक को लगभग पूरी रकम वापस मिल गई है। साइबर पुलिस ने संबंधित बैंक से संपर्क कर भेजी गई रकम को खाते में होल्ड करा दिया, जिससे 13.87 लाख रुपये वापस आ सके।
जानिए क्या था पूरा मामला?
गोरखनाथ क्षेत्र के रिटायर्ड शिक्षक इंद्रजीत शुक्ल को 27 जुलाई को एक व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को एनआईए (NIA) का अधिकारी बताया और उन पर पाकिस्तानी आतंकवादियों से संपर्क और पैसों का लेनदेन करने का आरोप लगाया। जालसाज ने उन्हें धमकाते हुए कहा, “तुम्हें 24 घंटे के लिए ‘डिजिटल अरेस्ट’ किया जा रहा है।” शिक्षक के इनकार करने पर भी उसने धमकाना जारी रखा और कहा कि उसके पास उनके खिलाफ सबूत हैं, जिनसे उनकी जिंदगी बर्बाद हो सकती है।
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इसके बाद, जालसाज ने मामले को रफा-दफा करने के लिए 14 लाख रुपये की मांग की और मोज बेनीवाल नाम के एक व्यक्ति का खाता नंबर दिया। डर के मारे शिक्षक ने अगले ही दिन 28 जुलाई को अपने पंजाब नेशनल बैंक खाते से 14 लाख रुपये उस खाते में जमा करा दिए। रुपये जमा करने के बाद जालसाज का फोन नंबर बंद हो गया, तब जाकर शिक्षक को ठगी का एहसास हुआ।
पुलिस की कार्रवाई और रुपये की वापसी
शिकायत मिलने पर साइबर थाने की टीम ने तुरंत जांच शुरू की। साइबर थाने के प्रभारी निरीक्षक रसीद खां, निरीक्षक सुभाष चंद, उप निरीक्षक उपेंद्र सिंह और कांस्टेबल प्रमोद यादव की टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए संबंधित बैंक से पत्राचार किया और आरोपी के खाते में जमा हुई रकम को होल्ड करा दिया। इस तत्परता के कारण शिक्षक के 13.87 लाख रुपये वापस मिल गए। मंगलवार को पीड़ित शिक्षक ने एसपी सिटी अभिनव त्यागी से मिलकर पुलिस टीम का आभार व्यक्त किया।