गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्रि 2025 के पहले दिन गोरखपुर के गोरक्षपीठ में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश स्थापना की। जानिए कलश शोभायात्रा और मां शैलपुत्री की पूजा का पूरा विवरण।
गोरखपुर: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन, सोमवार को गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक कल्याण की कामना के साथ गोरक्षपीठ में जगत जननी मां दुर्गा की उपासना का विशेष अनुष्ठान शुरू किया। उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापना कर मां शैलपुत्री की विधिवत पूजा-अर्चना की। यह अनुष्ठान मां की आराधना, देवी पाठ, आरती और क्षमा प्रार्थना के साथ संपन्न हुआ।
भव्य कलश शोभायात्रा और अनुष्ठान का आरंभ
गोरखपुर: शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन गोरक्षपीठ में एक भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई। शाम के समय गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ की अगुवाई में साधु-संतों की यह शोभायात्रा पारंपरिक वाद्ययंत्रों (घंट-घड़ियाल, तुरही, शंख) की ध्वनियों और मां दुर्गा के जयघोष के साथ पौराणिक भीम सरोवर पहुंची। सरोवर से कलश में जल भरकर और उसकी परिक्रमा के बाद शोभायात्रा वापस शक्तिपीठ लौटी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं जल से भरा कलश उठाया और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शक्तिपीठ के गर्भगृह में वरुण देवता का आह्वान कर इसे स्थापित किया। कलश स्थापना के बाद, उन्होंने सबसे पहले मां दुर्गा, भगवान शिव और गुरु गोरखनाथ के शस्त्र त्रिशूल को प्रतिष्ठित किया और गौरी-गणेश की आराधना की।
श्रीमददेवीभागवत और दुर्गासप्तशती पाठ का शुभारंभ
गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कलश स्थापना के साथ ही दुर्गा मंदिर (शक्तिपीठ) के गर्भगृह में श्रीमददेवीभागवत और श्रीदुर्गासप्तशती के पारायण पाठ का भी शुभारंभ किया। ये धार्मिक पाठ पूरे नवरात्रि के दौरान जारी रहेंगे, जिससे मंदिर परिसर में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होगा।
अनुष्ठान के दौरान पाठ पूरा होने के बाद, मां दुर्गा की आरती की गई और भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान वहां मौजूद सभी श्रद्धालुओं में श्रद्धा और भक्ति का माहौल देखा गया।