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टकराव: मजदूर-अधिवक्ता, पेशकार और तहसीलदार — शुक्रवार को क्यों खट्टा हो गया दो दफ्तरों का माहौल?

टकराव: मजदूर-अधिवक्ता, पेशकार और तहसीलदार — शुक्रवार को क्यों खट्टा हो गया दो दफ्तरों का माहौल?

Last Updated on August 2, 2025 8:29 AM by गो गोरखपुर ब्यूरो

गोरखपुर में कलेक्ट्रेट परिसर में वकीलों और मजदूरों के बीच मारपीट, बार एसोसिएशन मंत्री घायल। खजनी तहसीलदार पर पेशकार ने लगाए गाली-गलौज के गंभीर आरोप, दिया इस्तीफा। कर्मचारी संगठनों का प्रदर्शन।

गोरखपुर: गोरखपुर में शुक्रवार का दिन दो प्रमुख घटनाओं से गरमाया रहा, जिसने प्रशासनिक और न्यायिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी। कलेक्ट्रेट परिसर में वकीलों और मजदूरों के बीच जमकर मारपीट हुई, जिसके बाद अधिवक्ताओं ने हंगामा किया। वहीं, खजनी तहसील में एक पेशकार ने अपने तहसीलदार पर गाली-गलौज और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाते हुए त्यागपत्र देने की पेशकश कर दी, जिससे कर्मचारी संगठनों में भारी नाराजगी देखी गई।

कलेक्ट्रेट परिसर में वकीलों और मजदूरों में टकराव: रास्ता बना विवाद की जड़

शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे गोरखपुर के कलेक्ट्रेट परिसर में उस वक्त तनाव बढ़ गया, जब कलेक्ट्रेट भवन के निर्माण के लिए की गई बैरिकेडिंग से जुड़े एक रास्ते को लेकर मजदूरों और अधिवक्ताओं के बीच कहासुनी मारपीट में बदल गई। यह विवाद पिछले कई दिनों से चल रहा था। अधिवक्ताओं का आरोप था कि उन्हें कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर जाने से रोका जा रहा है, जबकि वे चाहते थे कि निर्माण कार्य इस तरह से किया जाए कि आने-जाने के लिए रास्ता खुला रहे।

विरोध के दौरान, ठेकेदार और उसके मजदूरों ने एक अधिवक्ता से मारपीट कर दी, जिसके बाद माहौल और बिगड़ गया। घटना की सूचना मिलते ही अधिवक्ताओं की भारी भीड़ मौके पर जमा हो गई। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि मजदूरों ने बार एसोसिएशन के मंत्री सीपी मिश्रा पर हमला किया, जिससे उनके हाथ में चोट आई है।

हंगामे की सूचना मिलते ही एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और नाराज अधिवक्ताओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद, एसपी सिटी अभिनव त्यागी, एसपी नार्थ जितेंद्र श्रीवास्तव, सीओ गोरखनाथ रवि सिंह, और गोरखनाथ, शाहपुर व रामगढ़ताल थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने और अधिवक्ताओं को समझाने में जुटी रही।

खजनी तहसील में पेशकार के गंभीर आरोप: तहसीलदार पर गाली-गलौज और प्रताड़ना का आरोप

खजनी के उप जिलाधिकारी न्यायालय में कार्यरत पेशकार सुशील कुमार श्रीवास्तव ने खजनी के तहसीलदार ध्रुवेश सिंह पर गाली देने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया है। इस घटना से आहत होकर पेशकार ने जिलाधिकारी को अपना त्यागपत्र देने की पेशकश की है, जिससे पूरे जिले में प्रशासनिक कर्मचारियों के बीच रोष फैल गया है।

पेशकार सुशील कुमार श्रीवास्तव के अनुसार, उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 की धारा 34 का एक वाद तहसीलदार न्यायालय से उप जिलाधिकारी के पोर्टल पर स्थानांतरित किया गया था। उप जिलाधिकारी द्वारा पूछताछ करने पर, पेशकार ने स्पष्ट किया कि वाद का स्थानांतरण तहसीलदार के आदेश पर ही किया गया था। इस पर उप जिलाधिकारी के निर्देश पर पेशकार ने वाद को दोबारा तहसीलदार के पोर्टल पर स्थानांतरित कर दिया। पेशकार का आरोप है कि 31 जुलाई को तहसीलदार ध्रुवेश सिंह ने अपने न्यायालय के मुंशी के माध्यम से उन्हें बुलाया और कथित तौर पर गालियां दीं। इस घटना के समय पेशकार अशोक कुमार गुप्ता और फौजदारी अहलमद जितेंद्र शर्मा भी मौजूद थे।

पेशकार सुशील कुमार श्रीवास्तव ने अपनी पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि वह 1998 से विभिन्न न्यायालयों में कार्यरत हैं और उनकी छवि एक मेहनती व समर्पित कर्मचारी की रही है। उन्हें कई बार प्रशंसा पत्र व विशेष वार्षिक प्रविष्टियां भी मिली हैं। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना के बाद वह मानसिक रूप से इतना टूट चुके हैं कि सरकारी सेवा में कार्य जारी रखना उनके लिए संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि 27 साल की सेवा में ऐसी अपमानजनक स्थिति का सामना उन्हें पहली बार करना पड़ा है।

पेशकार के साथ गाली-गलौज की घटना के बाद पूरे जिले में तहसील व जिला मुख्यालय पर कर्मचारियों में काफी नाराजगी देखी गई। शुक्रवार को कर्मचारी संगठनों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया और तहसीलदार को निलंबित करने की मांग की। कर्मचारी संगठनों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर पीड़ित कर्मचारी को न्याय दिलाने की मांग की है।

तहसीलदार का पक्ष और अधिकारियों की प्रतिक्रिया: तहसीलदार ध्रुवेश सिंह ने पेशकार द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें झूठा बताया है। उनका कहना है कि पेशकार उनके न्यायालय की फाइल लगातार इधर-उधर कर रहा था, और जब मामला पकड़ा गया तो वह अपनी गलती छिपाने के लिए अब झूठे आरोप लगा रहे हैं।

प्रारंभ में, एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह ने इस मामले की जानकारी न होने की बात कही। हालांकि, बाद में सीडीओ शाश्वत त्रिपुरारी ने एडीएम प्रशासन सहदेव मिश्र को एसडीएम खजनी के पेशकार और तहसीलदार खजनी को बुलाकर मामले की पूरी जानकारी लेने का निर्देश दिया। दोनों पक्षों को बैठाकर वार्ता की गई, जिसके बाद अधिकारियों ने बताया कि अब कोई मनमुटाव नहीं है और तहसीलदार ने गाली नहीं दी थी।

इसके विपरीत, उप मिनिस्ट्रियल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा और मंत्री विश्वेश शुक्ला ने जोर देकर कहा है कि तहसीलदार ने गाली दी है और उनके पास इसके साक्ष्य भी हैं। उन्होंने तहसीलदार को निलंबित करने और एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जिलाधिकारी के लौटते ही संगठन के नेतृत्व में सभी कर्मचारी मिलकर कार्रवाई की मांग करेंगे।

यह भी जानकारी मिली है कि खजनी के तहसीलदार ध्रुवेश सिंह करीब तीन माह पहले सदर तहसीलदार के पद पर तैनात थे, तब एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें उन पर अधिवक्ताओं को गाली देने का आरोप लगा था। इस मामले के सामने आने के बाद उन्हें सदर तहसील से हटाकर वेटिंग में डाल दिया गया था।

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Siddhartha Srivastava

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Siddhartha Srivastava का आज, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला, हिंदुस्तान, दैनिक जागरण जैसे हिंदी अखबारों में 18 साल तक सांस्थानिक पत्रकारिता का अनुभव है. वर्तमान में स्वतंत्र पत्रकारिता. email:- siddhartha@gogorakhpur.com | 9871159904.

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