- गोरखनाथ मंदिर, गीता वाटिका, विष्णु मंदिर के पास नहीं बन सकेंगे बहुमंजिला भवन
- नई महायोजना में धार्मिक व पुरातात्विक महत्व के स्थलों की ऐतिहासिकता व प्राचीनता के संरक्षण पर जोर
- डोमिनगढ़ टीला के पास निर्माण नहीं, वायु सेना स्टेशन के नो कंस्ट्रक्शन जोन का करना होगा पालन

Gorakhpur city Master-plan 2031: नई महायोजना 2031 पुनरीक्षित में धार्मिक एवं पुरातात्विक महत्व के स्थलों के पास ऊंचे भवन (बहुमंजिला इमारतों) का निर्माण नहीं कराया जा सकेगा. शासन की नीति के तहत गोरखनाथ मंदिर, गीता वाटिका, विष्णु मंदिर असुरन के आसपास के क्षेत्र में इन मंदिरों की प्राचीनता एवं ऐतिहासिकता को बनाए रखने के लिए बहुमंजिला भवन बनाने की स्वीकृति न देने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा गोरखपुर विकास क्षेत्र के अंतर्गत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन केंद्रीय संरक्षित स्मारक डोमिनगढ़ टीला के संरक्षण पर भी महायोजना में काफी जोर दिया गया है.
प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल अवशेष अधिनियम के अधीन केंद्रीय संरक्षित स्मारक के 100 मीटर तक का क्षेत्र एवं उससे परे 200 मीटर तक का क्षेत्र उत्खनन एवं निर्माण दोनों ही दृष्टि से प्रतिनिषिद्ध एवं विनियमित क्षेत्र घोषित किया गया है. प्रतिनिषिद्ध क्षेत्र में नवीनीकरण, मरम्मत और विनियमित क्षेत्र में राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण द्वारा नामित अधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा.
जीडीए के पोर्टल पर महायोजना का मानचित्र अपलोड: गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की नई महायोजना-2031 (पुनरीक्षित) शुक्रवार की रात जीडीए की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई. प्राधिकरण उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने कहा कि तकनीकी दिक्कतों से विलम्ब हुआ. फिलहाल पोर्टल पर शासन और जीडीए बोर्ड की मंजूरी से प्रकाशित गोरखपुर महायोजना 2031 पुनरीक्षित अपलोड हो गई है. बेवसाइट पर ड्राफ्ट महायोजना पहले ही अपलोड है. इसके अलावा महायोजना गोरखपुर 2021 भी पोर्टल पर अपलोड है. गुरुवार से गोरखपुर जनपद में प्रभावी हो गई है.