सिटी प्वाइंट

गोरखपुर को मिलेगा नया पर्यटन केंद्र, चिलुआताल का किनारा रामगढ़ताल जैसा होगा खूबसूरत!

चिलुआताल लेक प्वाइंट व्यू. फोटो: गो गोरखपुर

गोरखपुर: शहर के लोगों को जल्द ही पर्यटन और मनोरंजन का एक नया केंद्र मिलने वाला है। रामगढ़ताल की तर्ज पर अब चिलुआताल का किनारा भी भव्य और आकर्षक रूप ले रहा है। 20 करोड़ 39 लाख रुपये की लागत से चल रही इस परियोजना का लगभग 97 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, और उम्मीद है कि मानसून से पहले यह नया पर्यटन स्थल लोगों के लिए खुल जाएगा। इसके विकास से शहर के उत्तरी छोर पर स्थित मेडिकल कॉलेज से लेकर ग्रीन सिटी तक के लोगों को रामगढ़ताल जैसा ही आनंद चिलुआताल के किनारे भी मिलने लगेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कायाकल्प

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पर्यटन विभाग ने चिलुआताल के कायाकल्प की कार्ययोजना तैयार की थी। इस परियोजना को मूर्त रूप देने की जिम्मेदारी यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड को दी गई है। चिलुआताल के किनारे 570 मीटर लंबा पाथवे, 70 मीटर तक घाट पर सीढ़ियाँ, रेलिंग, सोलर लाइटें, इंटरलॉकिंग, सीसी रोड, सीसी बेंच और एप्रोच रोड जैसे बुनियादी कार्य किए जा रहे हैं।

इसके अलावा, कियोस्क और लेक व्यू पॉइंट जैसी सुविधाएँ भी विकसित की जा रही हैं। परियोजना के तहत पाथवे, सीढ़ियों का निर्माण, सोलर लाइटें, इंटरलॉकिंग, सीसी रोड, एप्रोच रोड, रेलिंग, टॉयलेट ब्लॉक और 500 मीटर साइड वॉल का काम पूरा हो चुका है। सात कियोस्क का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इस कार्य के पूरा होने के बाद, मुख्यमंत्री के हाथों इसका लोकार्पण कराया जाएगा।

पर्यटन के साथ रोजगार का भी केंद्र बनेगा चिलुआताल

पर्यटन विभाग के उपनिदेशक रविंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि चिलुआताल का विकास न केवल पर्यटन और मनोरंजन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का केंद्र भी बनेगा। यहाँ पर्यटक घूमने आएंगे तो आसपास खाने-पीने और अन्य वस्तुओं की बिक्री बढ़ेगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा। इसके अलावा, आवागमन के साधन भी बढ़ेंगे, जो रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगे।

यह परियोजना गोरखपुर के पर्यटन मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी, जिससे शहर की सुंदरता और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।

Amit Srivastava

Amit Srivastava

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गोरखपुर विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से अध्ययन. Amit Srivastava अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान के साथ करीब डेढ़ दशक तक जुड़े रहे. गोरखपुर शहर से जुड़े मुद्दों पर बारीक नज़र रखते हैं.

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