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डीडीयूजीयू की छात्राएं बदलेंगी AI का भविष्य, लैंगिक भेदभाव खत्म करने को खास डिजिटल इंटर्नशिप

डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय
डीडीयूजीयू की 65 छात्राएं 'संमति परियोजना' के तहत AI में लैंगिक भेदभाव को पहचानने और कम करने के लिए डिजिटल इंटर्नशिप कर रही हैं। घर बैठे मिलेगी ट्रेनिंग और मानदेय।

गोरखपुर: दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयूजीयू) की 65 छात्राएं ‘संमति परियोजना’ के तहत एक महत्वपूर्ण डिजिटल इंटर्नशिप में सक्रिय हैं। ‘कार्य’ नामक संस्था द्वारा बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से संचालित इस अभिनव पहल का उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) प्रणालियों में मौजूद लैंगिक भेदभाव को पहचानना, समझना और उसे कम करने के लिए व्यावहारिक इनपुट प्रदान करना है।

यह मोबाइल-आधारित और घर से संचालित होने वाली इंटर्नशिप है, जहाँ छात्राएं कहानियाँ पढ़कर प्रश्नों के उत्तर देती हैं। इन उत्तरों से उनकी सोच और सामाजिक दृष्टिकोण को एकत्र किया जा रहा है, ताकि एआई तकनीकों को अधिक न्यायसंगत, संवेदनशील और समावेशी बनाया जा सके, जिससे भविष्य में प्रौद्योगिकी समाज के सभी वर्गों के लिए निष्पक्ष रूप से कार्य कर सके।

परियोजना का लक्ष्य केवल तकनीकी प्रशिक्षण नहीं, बल्कि छात्राओं को यह गहन समझ देना है कि भविष्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, शासन, संवाद तकनीकों और भाषाई अनुप्रयोगों जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किस प्रकार सूक्ष्म रूप से लैंगिक भेदभाव छिपा हो सकता है, और उसे प्रभावी ढंग से कैसे सुधारा जा सकता है। यह उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेगा।

छात्राएं इस परियोजना में चार चरणों में कार्य कर रही हैं, जिसमें उन्हें अपनी सुविधानुसार कहीं भी और कभी भी इन चरणों को पूरा करने की लचीलापन दिया गया है। इस महत्वपूर्ण इंटर्नशिप में भाग लेने वाली सभी प्रतिभागियों को सम्मानजनक मानदेय भी प्रदान किया जा रहा है।

यह महत्वपूर्ण अवसर विश्वविद्यालय के एम्प्लॉयमेंट ब्यूरो, गाइडेंस एंड प्लेसमेंट सेल तथा मेधा फाउंडेशन के संयुक्त और सहयोगात्मक प्रयासों से संभव हो सका है। इस पूरे आयोजन में माननीय कुलपति प्रो. पूनम टंडन का मार्गदर्शन सर्वोपरि रहा है। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि, “यह परियोजना हमारी छात्राओं को वैश्विक स्तर पर सोचने और सामाजिक-तकनीकी न्याय की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने का अद्वितीय अवसर प्रदान करती है। विश्वविद्यालय सदैव ऐसी प्रगतिशील पहलों को बढ़ावा देता रहेगा।”

प्रो. अजय कुमार शुक्ल, निदेशक, एम्प्लॉयमेंट ब्यूरो, गाइडेंस एंड प्लेसमेंट सेल ने इस पहल के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि कुलपति महोदया के प्रेरणादायी नेतृत्व में हमारा निरंतर प्रयास रहा है कि छात्राओं को ऐसे मंच मिलें जहाँ वे सामाजिक सरोकारों से जुड़ते हुए तकनीकी कुशलता भी प्राप्त करें। संमति परियोजना न केवल एक इंटर्नशिप है, बल्कि यह सामाजिक चेतना और डिजिटल दक्षता का एक सुंदर और प्रभावी संगम है।


AWOKE इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से एक दिवसीय वर्कशॉप

गोरखपुर: विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रशासन विभाग द्वारा AWOKE इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता कार्यक्रम पर एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मनीष कुमार श्रीवास्तव ने की एवं उन्होंने मुख्य अतिथि प्रोफेसर विजय शंकर वर्मा का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर विजय शंकर वर्मा ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में वित्तीय साक्षरता, वित्तीय सुरक्षा तथा समाज के वंचित वर्गों के सशक्तिकरण जैसे महत्त्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला। इसके उपरांत AWOKE इंडिया फाउंडेशन के विशेषज्ञ वक्ताओं श्री राजेश खन्ना एवं श्री प्रदीप पांडेय द्वारा प्रतिभागियों को वित्तीय प्रबंधन, विभिन्न जमा योजनाओं तथा वित्तीय धोखाधड़ी से बचाव के उपायों संबंधी उपयोगी जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम में छात्रों की सक्रिय सहभागिता एवं उत्साह देखने को मिला, तथा सभी प्रतिभागियों ने इसे अत्यंत लाभकारी बताया।



Priya Srivastava

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Priya Srivastava दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में परास्नातक हैं. गोगोरखपुर.कॉम के लिए इवेंट, एजुकेशन, कल्चर, रिलीजन जैसे टॉपिक कवर करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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