दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अपशिष्ट प्रबंधन नीति को अपनाया

DDUGU


DDUGU waste management policy:
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने परिसर में उत्पन्न होने वाले कचरे के सुरक्षित निपटान और रीसाइक्लिंग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. विश्वविद्यालय ने अपशिष्ट प्रबंधन नीति (वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी) को अपनाया है. इस नीति को कुलपति प्रो. पूनम टंडन की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित कार्य परिषद् की बैठक में मंजूरी दी गई.

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश शासन और गोरखपुर नगर निगम द्वारा निर्धारित अपशिष्ट प्रबंधन के नियमों और मानदंडों का पालन करेगा. अपशिष्ट प्रबंधन नीति का दायरा विश्वविद्यालय परिसर में उत्पादित अपशिष्ट जल और ठोस अपशिष्ट (जैसे कागज, प्लास्टिक, ई-कचरा) दोनों पर लागू होगा. यह नीति विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ-साथ आगंतुकों पर भी लागू होगी.

अपशिष्ट प्रबंधन नीति का मुख्य लक्ष्य विश्वविद्यालय परिसर को स्वच्छ और रहने-योग्य बनाए रखना है. इस नीति का उद्देश्य परिसर में उत्पादित सभी अपशिष्ट (ठोस, अपशिष्ट जल और ई-अपशिष्ट) का पर्यावरण कानूनों के अनुपालन में सुरक्षित और प्रभावी ढंग से प्रबंधन और निपटान है. विश्वविद्यालय का लक्ष्य 2027 तक परिसर में “सिंगल यूज” प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करना है.

विश्वविद्यालय की अपशिष्ट प्रबंधन नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विभिन्न स्टेकहोल्डर्स की भूमिकाएँ निर्धारित की गई हैं, जिसमें कुलपति द्वारा नामित नोडल अधिकारी, समस्त विभागाध्यक्ष, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, हॉस्टल वार्डन, संपत्ति अधिकारी के साथ-साथ विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. कक्षा प्रतिनिधि कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, बुनियादी सुविधाओ तथा छात्रावास की साफ-सफ़ाई के प्रभारी होंगे.

By गो गोरखपुर

गोरखपुर और आसपास की खबरों (gorakhpur news) के लिए पढ़ते रहें गो गोरखपुर न्यूज़ पोर्टल. सूचनाओं की भीड़ में आपके काम लायक हर जरूरी जानकारी पर रखें नज़र...गो गोरखपुर (www.gogorakhpur.com) के साथ.