Last Updated on September 23, 2025 12:54 PM by गो गोरखपुर ब्यूरो
सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आज़म ख़ान की रिहाई की उम्मीद के बीच, उनके बसपा में शामिल होने की अटकलों ने यूपी की सियासत में हलचल मचा दी है। जानें क्या है तजीन फात्मा और मायावती की कथित मुलाकात का सच और क्या आज़म ख़ान सपा का साथ छोड़ेंगे?
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आज़म ख़ान को लेकर अटकलों का बाज़ार गर्म है। सीतापुर जेल में बंद आज़म ख़ान की रिहाई की उम्मीदों के बीच, उनके अगले सियासी कदम को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। इन चर्चाओं को तब और बल मिला जब बसपा प्रमुख मायावती और आज़म ख़ान की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा के बीच दिल्ली में हुई कथित मुलाकात की खबरें सामने आईं। हालांकि, दोनों दलों के नेता इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह एक बड़ा सियासी बदलाव हो सकता है।
सियासी हलचल: मायावती और तजीन फात्मा की कथित मुलाकात
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा ज़ोरों पर है कि हाल ही में दिल्ली में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती और डॉ. तजीन फात्मा के बीच एक गोपनीय बैठक हुई थी। इस बैठक का मुख्य केंद्र आज़म ख़ान और उनके भविष्य की राजनीति रही। हालांकि, आज़म ख़ान के करीबी इस बात से इनकार कर रहे हैं और उनका दावा है कि डॉ. तजीन फात्मा पिछले कई महीनों से दिल्ली नहीं गई हैं। इस मुलाकात की खबरों ने समाजवादी पार्टी और आजम खान के बीच संबंधों में चल रही तल्खी को और उजागर कर दिया है।
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सपा से नाराज़गी: टिकट बंटवारे को लेकर हुई थी तल्खी
आज़म ख़ान और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे को लेकर संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। आजम खान ने रामपुर लोकसभा सीट से अखिलेश यादव को चुनाव लड़ने की सलाह दी थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। इसके अलावा, आज़म ख़ान ने मुरादाबाद सीट से बिजनौर की पूर्व विधायक रुचिवीरा को प्रत्याशी बनाने की सिफारिश की थी। लेकिन अखिलेश यादव ने आज़म की पसंद को दरकिनार करते हुए मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को रामपुर से उम्मीदवार घोषित कर दिया था। इस घटना के बाद से ही दोनों नेताओं के बीच तल्खी बढ़ गई थी।
रिहाई और कानूनी मामले
पिछले 23 महीनों से सीतापुर जेल में बंद आज़म ख़ान पर कुल 96 मामले दर्ज हैं। 18 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद उनकी रिहाई की उम्मीद जगी है। उनके खिलाफ दर्ज 100 से अधिक मामलों में से 12 में फैसला आ चुका है। इनमें से 5 मामलों में उन्हें सज़ा मिली है, जबकि 7 मामलों में उन्हें बरी कर दिया गया है। फिलहाल, 59 मामले सेशन कोर्ट में और 19 मामले मजिस्ट्रेट कोर्ट में लंबित हैं।
आजम के भविष्य पर सपा की प्रतिक्रिया
आज़म ख़ान के बसपा में जाने की चर्चाओं पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया और हंस कर टाल गए। वहीं, सपा के कुछ वरिष्ठ नेता इन खबरों को पूरी तरह से निराधार बता रहे हैं। पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि आज़म ख़ान सपा के संस्थापक सदस्य हैं और उनके किसी भी अन्य दल में जाने की बात में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि आज़म ख़ान सपा में थे, हैं और रहेंगे।
आजम ख़ान से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
- जेल में बिताया समय: लगभग 23 महीने
- कुल दर्ज केस: लगभग 96
- फैसले आए: 12 मामलों में
- सज़ा मिली: 5 मामलों में
- बरी हुए: 7 मामलों में
- अधिवक्ता: मोहम्मद हुसैन