उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) स्कूलों को 25 सितंबर तक अपने शिक्षकों और कर्मचारियों की जानकारी मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। ऐसा न करने पर इस महीने का वेतन रोक दिया जाएगा। जानें पूरी खबर और क्यों उठाया गया यह कदम।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालयों पर सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों की जानकारी मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड न किए जाने पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने नाराजगी जताई है। शासन ने साफ निर्देश दिए हैं कि अगर 25 सितंबर तक यह जानकारी अपडेट नहीं की गई, तो संबंधित कार्मिकों का इस महीने का वेतन रोक दिया जाएगा। इस कड़े निर्देश के बाद से प्रदेश के एडेड विद्यालयों के प्रबंधनों में हड़कंप की स्थिति है।
एडेड स्कूलों पर सरकार की सख्ती
प्रदेश के एडेड विद्यालयों के प्रबंधन अपने यहां तैनात शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों के बारे में जानकारी पोर्टल पर अपलोड करने से बच रहे थे। इस लापरवाही के कारण शासन को बार-बार निर्देश जारी करने पड़े, लेकिन इसका कोई प्रभावी नतीजा नहीं निकला। अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वेतन रोकने जैसा सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है। इस निर्देश का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सभी विद्यालयों में पारदर्शिता आए और कर्मचारियों का पूरा ब्योरा डिजिटल रूप में उपलब्ध हो सके।
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मानव संपदा पोर्टल पर देनी होगी ये जानकारी
एडेड विद्यालयों को अपने शिक्षकों और कर्मचारियों से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ पोर्टल पर अपलोड करनी हैं। इसमें उनका पूरा नाम, पता, उनके शैक्षिक रिकॉर्ड, पारिवारिक सदस्यों का विवरण और नॉमिनी का विवरण शामिल है। यह जानकारी कर्मचारियों के भविष्य और पारदर्शिता के लिए अत्यंत आवश्यक है। सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों का पूरा ब्योरा पहले से ही मानव संपदा पोर्टल पर उपलब्ध है, लेकिन एडेड विद्यालयों के प्रबंधन इस प्रक्रिया में सहयोग नहीं कर रहे थे।
तथ्य | विवरण |
अंतिम तिथि | 25 सितंबर |
कार्य | मानव संपदा पोर्टल पर डेटा अपडेट करना |
प्रभावित संस्थान | अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालय |
कदम उठाने वाला विभाग | मुख्यमंत्री कार्यालय व शासन |
नतीजा | जानकारी न देने पर सितंबर का वेतन रोका जाएगा |
उद्देश्य | पारदर्शिता बढ़ाना और कार्मिकों का ब्योरा डिजिटली उपलब्ध कराना |