Gorakhpur: गोरखपुर के घोष कंपनी चौराहे पर स्थित अबू हुरैरा मस्जिद के ऊपरी दो तलों को ध्वस्त करने का काम रविवार को भी जारी रहा। मस्जिद कमेटी की ओर से मैन और मशीन का उपयोग करके अवैध निर्माण को गिराया जा रहा है। सबसे ऊपरी तल को ड्रिल मशीन से तोड़ा जा रहा है, ताकि निचले तलों को कोई नुकसान न पहुंचे। इस मामले में मुतवल्ली के पुत्र शुऐब ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के ध्वस्तीकरण के निर्णय के खिलाफ मंडलायुक्त अनिल ढींगरा की अदालत में अपील की है। इसकी सुनवाई सोमवार, 3 मार्च को होगी।
मस्जिद कमेटी ने शनिवार से ही दो तलों को तोड़ने का काम शुरू कर दिया था। पहले दिन पीछे की दो मीनारों को हटाया गया और ऊपरी तल की रेलिंग को तोड़ा गया। ड्रिल मशीन की मदद से छत के कुछ हिस्से को भी गिराया गया। रविवार को सुबह से ही काम शुरू हुआ, जिसमें मजदूरों ने मलबे को नीचे उतारा। नमाज और अन्य कारणों से काम कुछ समय के लिए रोकना पड़ा। इस दौरान पुलिस की टीमों ने मस्जिद और आसपास के इलाकों में गश्त लगाकर सुरक्षा सुनिश्चित की।
मामले की पृष्ठभूमि
घोष कंपनी चौराहे के पास नगर निगम की जमीन पर अबू हुरैरा मस्जिद बनी हुई है। 1967 में कोर्ट ने मस्जिद के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसमें 624 वर्ग फीट जमीन मस्जिद के लिए और 660 वर्ग फीट जमीन रास्ते के लिए आवंटित की गई थी। हालांकि, जमीन से अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान मस्जिद भी क्षतिग्रस्त हो गई थी। बाद में नगर निगम बोर्ड ने 624 वर्ग फीट जमीन मस्जिद कमेटी को आवंटित की। इस पर भूतल, प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल का निर्माण किया गया, लेकिन इसका मानचित्र पास नहीं कराया गया। इसी कारण जीडीए ने ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया।