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शाहपुर थाना

जालसाजी का नया तरीका…एटीएम में फंसेगा कार्ड, बगल में लिखा होगा फर्जी हेल्पलाइन नंबर

जालसाजी का नया तरीका…एटीएम में फंसेगा कार्ड, बगल में लिखा होगा फर्जी हेल्पलाइन नंबर

शाहपुर में जेल रोड पर एटीएम कार्ड फंसने पर दरोगा ने किया कॉल, 51 हजार की ठगी

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जालसाजी का नया तरीका…एटीएम में फंसेगा कार्ड, बगल में लिखा होगा फर्जी हेल्पलाइन नंबर
जालसाजी का नया तरीका…एटीएम में फंसेगा कार्ड, बगल में लिखा होगा फर्जी हेल्पलाइन नंबर

Gorakhpur: गोरखपुर में जीआरपी में तैनात एक दरोगा के साथ एटीएम कार्ड फंसने का झांसा देकर 51 हजार रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. दरोगा जितेंद्र यादव जब एटीएम से पैसे निकालने गए, तो उनका कार्ड मशीन में फंस गया. उन्होंने केबिन में चिपके हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया, जिसके बाद जालसाजों ने उनके खाते से 51 हजार रुपये निकाल लिए.

कार्ड फंसा और नंबर पर किया फोन
26 जनवरी को दरोगा जितेंद्र यादव जेल बाईपास रोड स्थित एसबीआई के एटीएम से पैसे निकालने गए थे. पैसे निकालने के बाद उनका कार्ड मशीन में फंस गया. उन्होंने केबिन में चिपके एक कागज पर लिखे हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया.

जालसाजों ने दिया झांसा
फोन पर जालसाजों ने दरोगा को बताया कि उनका कार्ड शाम 5:30 बजे तक निकाल कर उन्हें दे दिया जाएगा. दरोगा अपने घर चले गए. लेकिन शाम को उनके मोबाइल पर पैसे निकलने के मैसेज आने लगे.

51 हजार रुपये की हुई ठगी
देखते ही देखते जालसाजों ने दरोगा के खाते से छह बार में 51,523 रुपये निकाल लिए. जब तक दरोगा कुछ समझ पाते, तब तक काफी देर हो चुकी थी. उन्होंने तुरंत अपना कार्ड ब्लॉक कराया और शाहपुर पुलिस में तहरीर दी.

पुलिस जांच में जुटी
पुलिस ने दरोगा की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया है. पुलिस साइबर सेल की मदद से आरोपियों के बारे में जानकारी जुटा रही है. एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है.

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सावधानी बरतें
यह घटना एक बार फिर एटीएम इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतने की याद दिलाती है. अगर आपका कार्ड कभी एटीएम में फंस जाए तो घबराएं नहीं. बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करें या फिर बैंक जाकर शिकायत दर्ज कराएं. किसी भी अनजान नंबर पर कॉल न करें और अपनी जानकारी किसी से शेयर न करें.

Amit Srivastava

Amit Srivastava

About Author

गोरखपुर विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से अध्ययन. अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान के साथ करीब डेढ़ दशक तक जुड़े रहे. गोरखपुर शहर से जुड़े मुद्दों पर बारीक नज़र रखते हैं.

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