. मुंबई क्राइम ब्रांच के झांसे में आकर चार दिनों तक डिज़िटल अरेस्ट रहे सेवानिवृत्त विजयेंद्र पांडेय
. जिसने क्रेडिट कार्ड का मुंह तक नहीं देखा उसे क्रेडिट कार्ड पर 1 लाख 96 हजार का बकाया बताया

 

Gorakhpur crime, Digital arrest, Online fraud: गोरखपुर शहर के रामगढ़ताल क्षेत्र के सिद्धार्थ एन्क्लेव निवासी विजयेंद्र कुमार पांडेय के साथ जो हुआ उसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. सुबह से शाम तक हमारे फोन पर अनजान नंबरों से आने वाली कॉल का एक पहलू इतना खतरनाक हो सकता है, इसे समझना मुश्किल नहीं है. चार दिनों तक डिजिटल अरेस्ट हुए विजयेंद्र कुमार पांडेय ने अपने सेवानिवृत्त जीवन के लिए सहेजकर रखे गए 30 लाख रुपए गंवा दिए. ठगों ने इस आनलाइन डकैती को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर अंजाम दिया. ठगों ने मनी लांड्रिंग का डर दिखा उन्हें चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और प्रताड़ित भी करते रहे. पीड़ित की तहरीर पर साइबर अपराध थाने में बुधवार को केस दर्ज हुआ.

विजयेंद्र कुमार पांडेय स्वास्थ्य विभाग में हेल्थ एजुकेटर पद से रिटायर हुए हैं. पुलिस को तहरीर देकर विजयेंद्र ने बताया कि एक जुलाई को उनके मोबाइल पर सुबह 9.37 बजे एक कॉल आई. कॉल करने वाले ने बोला कि वह एसबीआई कस्टमर सर्विस डिपार्टमेंट से बोल रहा है. आपके क्रेडिट कार्ड पर एक लाख 96 हजार रुपये बकाया हैं. इस रकम की रिकवरी के लिए मुंबई क्राइम ब्रांच को भेजा जा रहा है. उसने विजयेंद्र पांडेय को कथित क्राइम ब्रांच अधिकारी सोनल राठौर का नंबर भेजा और उस पर बात करके सेटलमेंट करने के लिए कहा. इस पर विजयेंद्र ने बोला कि वह न तो मुंबई में रहते हैं, ना ही उनके पास कोई क्रेडिट कार्ड है. इस पर ठग ने कहा कि फिर भी बात कर लें, वरना आपके घर क्राइम ब्रांच की टीम धमक जाएगी.

विजयेंद्र ने उस नंबर पर फोन किया तो उन्हें बताया गया कि उनके क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग में किया गया है. केनरा बैंक कथित अधिकारी सुरेश अनुराग के मनी लांड्रिंग मामले में आपका भी नाम आया है. इसमे ढाई करोड़ रुपये का गोलमाल हुआ है. इस पर विजयेंद्र ने बोला कि यह सब झूठ है.

विजयेंद्र पांडेय ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि इसके बाद उन्हें उसी नंबर से वीडियो कॉल आई. जिसमे एक महिला पुलिस की वर्दी पहनकर बैठी थी, उसके पीछे दीवार पर बड़ा सा क्राइम ब्रांच मुंबई का लोगो लगा था. महिला अधिकारी के मांगने पर विजयेंद्र ने वाट्सएप पर अपना आधार कार्ड भेजा. जिसे देखने के बाद अधिकारी ने बोला कि आप इस केस में शामिल हैं. आप जांच में मदद करें वरना आपको आपके घर से क्राइम ब्रांच उठाकर मुंबई लाएगी. इस पर विजयेंद्र जांच में मदद करने के लिए राज़ी हो गए. महिला अधिकारी के कहने पर वह हर घंटे वीडियो कल करके अपना अपडेट देते रहे. इसी बीच महिला अधिकारी ने उनसे बैंक में जमा रुपये और डिटेल भेजने के लिए कहा. स्थानीय पुलिस को दी शिकायत में विजयेंद्र पांडेय ने बताया कि ठगों ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट का एक लेटर भी भेजा, जिसमे एक बैंक खाते का विवरण दिया था जिसमें उन्हें रुपये भेजने को कहा गया. उन्हें बताया गया कि आरबीआई जांच के बाद रुपये वापस भेज देगी.

विजयेंद्र ने तीन से चार बार में बैंक में जमा रुपये और एफडी तुड़वाकर जितनी भी रकम थी सब मिलाकर कुल 30 लाख रुपये उस अकाउंट में भेज दिए. इसके बाद उन्हें हर घंटे अपडेट देने के लिए कहा गया. एक जुलाई से चार जुलाई तक वह हर घंटे वाट्सएप पर अपडेट देते रहे. लेकिन बाद में जब कोई जवाब उधर से नहीं आया तब उन्होंने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई.

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By गो गोरखपुर

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