कानपुर: पनकी औद्योगिक क्षेत्र (कानपुर) में एक निर्माणाधीन फैक्ट्री के कमरे में अंगीठी जलाकर सो रहे देवरिया के चार मजदूरों की गुरुवार सुबह दम घुटने से मौत हो गई। सभी मजदूर वेल्डिंग फिटिंग का काम करते थे। पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने बताया कि शुरुआती जांच में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस के कारण दम घुटने से मौत होने की आशंका है। चारों श्रमिकों के शव कमरे के फर्श पर लेटे हुए मिले। घटना की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी हुई है, जिसमें दम घुटने से मौत का कारण बताया गया है, हालांकि सटीक वजह जानने के लिए विसरा सुरक्षित किया गया है।
बंद कमरे में कोयला जलाना बना मौत का कारण
देवरिया के तरकुलवा के तवकलपुर निवासी 27 वर्षीय अमित बरनवाल, 26 वर्षीय संजू सिंह, 20 वर्षीय राहुल सिंह और 29 वर्षीय दाऊद शेख पनकी में कटारिया एडिबल्स एलएलपी की निर्माणाधीन फैक्ट्री में कार्यरत थे। ये सभी इंदौर की आदित्य इंटरप्राइजेज कंपनी के लिए काम कर रहे थे। गुरुवार सुबह लगभग साढ़े आठ बजे जब साथी इन्हें बुलाने कमरे पर पहुंचे, तो दरवाजा खटखटाने पर कोई जवाब नहीं मिला। दरवाजा खुला तो अंदर चारों फर्श पर बेसुध पड़े थे।
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कमरे की दीवार के पास एक तसले में कोयला सुलग रहा था। अत्यधिक ठंड से बचने के लिए उन्होंने आठ गुणा आठ फीट के कमरे की खिड़कियां और दरवाजे पूरी तरह बंद कर दिए थे, यहां तक कि दरवाजे के नीचे की खाली जगह को भी कपड़े से ढंक दिया था। फैक्ट्री के साझेदार तरुण कटारिया के अनुसार, यह कोयला ब्वॉयलर की टेस्टिंग के लिए आया था, जिसे मजदूरों ने सर्दी से राहत पाने के लिए कमरे में जला लिया था।
कार्बन मोनोऑक्साइड से ऑक्सीजन हुई खत्म
विशेषज्ञों के अनुसार, बंद कमरे में अंगीठी या किसी भी चीज को जलाने से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बनती है, जो कमरे की ऑक्सीजन को तेज़ी से खत्म कर देती है। मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. संजय वर्मा ने बताया कि धुएं या गैस हीटर जैसे स्रोतों से बनी कार्बन मोनोऑक्साइड, कमरे की ऑक्सीजन को विस्थापित कर देती है, जिससे दम घुटने से मौत हो जाती है।
थोड़ी मात्रा में भी धुआँ, खासकर खराब वेंटिलेशन वाले छोटे कमरे में, जानलेवा साबित हो सकता है। पनकी औद्योगिक क्षेत्र का यह हादसा भी इसी ओर इशारा कर रहा है कि कमरे में हवा न होने के कारण जहरीली गैस भर गई, जिससे चार श्रमिकों की जान चली गई।
मृत मजदूर देवरिया के निवासी
हादसे में जान गंवाने वाले सभी चार मजदूर उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के निवासी थे। निर्माण कार्य में लगे ज्यादातर मजदूर बलिया और देवरिया के रहने वाले हैं। इस दुखद घटना के बाद औद्योगिक क्षेत्र में काम कर रहे मजदूरों के बीच दहशत का माहौल है। पुलिस ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और मृतकों के परिजनों को सूचित किया जा रहा है।


