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भ्रष्टाचार पर एक्शन: 3 एमवीए का पावर ट्रांसफार्मर बेचने के आरोप में एसडीओ और जेई निलंबित

गोरखपुर सिटी न्यूज़

गोरखपुर: गोरखपुर में सरकारी संपत्ति की अवैध बिक्री के एक गंभीर भ्रष्टाचार के मामले में बिजली निगम (यूपीपीसीएल) ने त्वरित और कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। यह मामला जिले के भटहट उपकेंद्र से जुड़ा है, जहां उच्च क्षमता का एक पावर ट्रांसफार्मर अवैध रूप से बेच दिया गया था। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद उपकेंद्र के एसडीओ (SDO) और जेई (JE) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

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भटहट उपकेंद्र से 3 एमवीए ट्रांसफार्मर की अवैध बिक्री

भ्रष्टाचार का यह मामला भटहट उपकेंद्र में वर्ष 2014 से जुड़ा है। उपकेंद्र में उस समय 3 एमवीए क्षमता के दो पावर ट्रांसफार्मर हटाए गए थे, जिनके स्थान पर 5 एमवीए क्षमता के दो नए ट्रांसफार्मर लगाए गए थे। जांच में यह खुलासा हुआ कि हटाए गए इन ट्रांसफार्मरों में से एक को अवैध रूप से कबाड़ में बेच दिया गया।

घटना के विवरण के अनुसार, ट्रांसफार्मर का कॉपर वायर गोरखनाथ क्षेत्र में बेचा गया, जबकि ट्रांसफार्मर की पूरी बॉडी 25 अगस्त को बेच दी गई थी। सरकारी संपत्ति की इस अवैध बिक्री की जानकारी मिलने के बाद बिजली निगम में हड़कंप मच गया और तुरंत जांच के निर्देश दिए गए।

यूपीपीसीएल चेयरमैन के निर्देश पर हुई जांच और कार्रवाई

इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए यूपीपीसीएल के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने तत्काल एक जांच कमेटी गठित करने का निर्देश दिया। कमेटी ने मामले की गहनता से जांच की और अपनी रिपोर्ट जल्द ही निगम प्रशासन को सौंपी। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर, यह पाया गया कि इस अवैध बिक्री में भटहट उपकेंद्र के अधिकारियों की संलिप्तता थी।

ग्रामीण वितरण मंडल प्रथम के अधीक्षण अभियंता डीके सिंह की संस्तुति पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने सख्त कार्रवाई करते हुए भटहट के एसडीओ राम इकबाल और जेई अजय सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन के बाद, इन दोनों अधिकारियों को आजमगढ़ के मुख्य अभियंता कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है, ताकि वे जांच को किसी भी तरह से प्रभावित न कर सकें। यह कार्रवाई सरकारी संपत्ति की सुरक्षा और बिजली निगम में पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।


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Amit Srivastava

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गोरखपुर विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से अध्ययन. Amit Srivastava अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान के साथ करीब डेढ़ दशक तक जुड़े रहे. गोरखपुर शहर से जुड़े मुद्दों पर बारीक नज़र रखते हैं.

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