गोरखपुर: गोरखपुर का शहरी परिदृश्य तेजी से बदल रहा है, जिसमें बुनियादी ढांचे के विस्तार और नई आवासीय योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। एक ओर जहां खजांची से बरगदवां तक बने नए फोरलेन ने शहर के उत्तरी छोर की तस्वीर बदल दी है, वहीं कई महत्वपूर्ण फ्लाईओवर और ओवरब्रिज का निर्माण कार्य भी तेज गति से चल रहा है। इसके साथ ही, गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) और गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) शहर के सुनियोजित विस्तार के लिए नई योजनाओं पर काम कर रहे हैं।
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फोरलेन ने बदली शहर के उत्तरी छोर की सूरत
शहर के उत्तरी छोर पर स्पोर्ट्स कॉलेज के आसपास का इलाका, जो कभी उपेक्षित माना जाता था, अब खजांची से बरगदवां तक बने फोरलेन के कारण विकास का केंद्र बन गया है। इस फोरलेन के दोनों ओर तेजी से बहुमंजिली इमारतें, अस्पताल, मार्ट और नई कॉलोनियां विकसित हो रही हैं, जिससे क्षेत्र में निवेश भी बढ़ा है। लगभग 5.25 किलोमीटर लंबा और 279.20 करोड़ रुपये की लागत वाला यह कौवाबाग-खजांची-बरगदवां फोरलेन मेडिकल कॉलेज, गोरखनाथ मंदिर और फर्टिलाइजर कारखाने तक पहुंच को सुगम बनाएगा। साथ ही, यह महाराजगंज जाने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा, जिससे शहर के मुख्य मार्गों पर यातायात का दबाव कम होगा।
फ्लाईओवर और ओवरब्रिज निर्माण में तेजी, पर कुछ प्रोजेक्ट सुस्त
शहर को जाम से मुक्त करने के लिए कई ओवरब्रिज और फ्लाईओवर पर काम तेजी से चल रहा है। बरगदवां से नकहा रेलवे ओवरब्रिज पर फर्टिलाइजर की तरफ से एक लेन शुरू हो चुकी है। गोरखनाथ ओवरब्रिज का निर्माण भी अंतिम चरण में है और इसके एक महीने में पूरा होने की उम्मीद है। वहीं, देवरिया बाईपास-ट्रांसपोर्टनगर सिक्सलेन फ्लाईओवर पर गर्डर रखने का काम भी तेज गति से जारी है। हालांकि, कुछ परियोजनाओं की धीमी गति चिंता का विषय बनी हुई है। पादरी बाजार फ्लाईओवर का निर्माण बेहद धीमा है, जहां अभी केवल पिलर ही बन पाए हैं, जिससे स्थानीय लोगों को जाम और धूल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
गीडा बसाएगा स्मार्ट इंडस्ट्रियल और रेजिडेंशियल हब
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) शहर के विस्तार को नई दिशा दे रहा है। गीडा ने लिंक एक्सप्रेस-वे के पास एक नया मास्टर प्लान तैयार किया है, जिसमें चकभोप, बरउर, सियर और सहजूपार जैसे गांवों को औद्योगिक क्षेत्र में शामिल किया गया है। इस योजना के तहत लगभग 35 एकड़ भूमि आवासीय उद्देश्यों के लिए और लगभग 100 एकड़ भूमि औद्योगिक इकाइयों के लिए प्रस्तावित की गई है। गीडा का लक्ष्य इस क्षेत्र को एक स्मार्ट औद्योगिक और आवासीय हब के रूप में विकसित करना है, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
बकायेदारों पर जीडीए की बड़ी कार्रवाई, 24 फ्लैटों का आवंटन निरस्त
शहरी विकास के साथ-साथ गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) प्रशासनिक मोर्चे पर भी सख्ती बरत रहा है। जीडीए ने लोहिया एन्क्लेव आवासीय योजना के फेज-1 और फेज-2 में बकाया राशि का भुगतान न करने वाले 24 आवंटियों के फ्लैटों का आवंटन निरस्त कर दिया है। प्राधिकरण ने इन आवंटियों को 15 नवंबर तक फ्लैट खाली करने का निर्देश दिया है। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो प्राधिकरण द्वारा फ्लैटों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी।