Last Updated on September 28, 2025 11:05 AM by गो गोरखपुर ब्यूरो
आगरा: दिल्ली के प्रतिष्ठित शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट की 17 छात्राओं से यौन शोषण और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को दिल्ली पुलिस ने रविवार तड़के आगरा से गिरफ्तार कर लिया। 62 वर्षीय चैतन्यानंद (उर्फ पार्थसारथी स्वामी) 5 अगस्त को FIR दर्ज होने के बाद से ही देश के कई राज्यों में छिपा हुआ था। दिल्ली पुलिस ने आगरा के एक होटल में दबिश देकर आरोपी को पकड़ा और उसे लेकर दिल्ली चली गई, जहां वसंत कुंज पुलिस स्टेशन में उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आरोपी के देश छोड़कर भागने की आशंका के चलते लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया था। छात्राओं ने आरोप लगाया है कि चैतन्यानंद उन्हें देर रात कमरे में बुलाता था और विरोध करने पर कम नंबर देने की धमकी देता था। चौंकाने वाली बात यह है कि वह पीरियड्स के दौरान भी छात्राओं को शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता था।
होटल फर्स्ट में ऐसे बीती आरोपी की रात
होटल फर्स्ट के कर्मचारी भरत ने इस गिरफ्तारी के संबंध में अहम जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरोपी बाबा एक मिलने वाले के माध्यम से 27 सितंबर को शाम 4 बजकर 2 मिनट पर होटल में आया था। चेक-इन के दौरान उसने अपना नाम ‘पार्थ सारथी’ लिखवाया और उसे कमरा नंबर 101 दिया गया। भरत के मुताबिक, चैतन्यानंद इस दौरान कमरे से बाहर नहीं निकला, केवल रेस्टोरेंट से खाना-पीना मँगवाया। रविवार तड़के करीब 3 बजे दिल्ली पुलिस के जवान आए, जिन्होंने रजिस्टर चेक किया और सीधे कमरा नंबर 101 में चले गए। पुलिसकर्मियों ने बंद कमरे में आरोपी से लगभग 15 मिनट तक बात की और फिर उसे अपने साथ लेकर दिल्ली रवाना हो गए।
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आरोपी को होटल पहुँचाने वाला शख्स फरार
जांच में सामने आया है कि आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को कौशल नामक व्यक्ति होटल लेकर पहुँचा था। कौशल, होटल के पास ही एक रेस्टोरेंट चलाता है। जैसे ही उसे यौन शोषण के मुकदमे और बाबा की गिरफ्तारी के बारे में पता चला, उसने तुरंत अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया और फरार हो गया। पुलिस अब कौशल की तलाश भी कर रही है, जिसने आरोपी को छिपने में मदद की।
छात्राओं के हॉस्टल रूम में CCTV कैमरे और महिला वॉर्डन की संलिप्तता
जांच में पता चला है कि स्वामी चैतन्यानंद लड़कियों का न सिर्फ मानसिक शोषण करता था, बल्कि सुरक्षा के बहाने उसने छात्राओं के हॉस्टल रूम के अंदर भी सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे। FIR के अनुसार, इस पूरे मामले में इंस्टीट्यूट की तीन महिला वॉर्डन भी शामिल थीं। वे आरोपी के भेजे अश्लील मैसेज को छात्राओं के फोन से डिलीट करवाती थीं। हालाँकि, कुछ साहसी लड़कियों ने चैट के स्क्रीनशॉट सेव कर लिए थे, जो पुलिस के लिए अहम सबूत बने। चैतन्यानंद विशेष रूप से EWS स्कॉलरशिप पर पढ़ने आईं गरीब छात्राओं को निशाना बनाता था, जिनके माता-पिता को कैंपस में आने की अनुमति नहीं थी। वह उनकी खराब आर्थिक स्थिति का फायदा उठाकर उन्हें करियर खराब करने की धमकी देता था।
अश्लील मैसेज और कम ग्रेड की धमकी देकर बुलाता था कमरे में
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी चैतन्यानंद छात्राओं को डराने, धमकाने और लालच देने की रणनीति अपनाता था। वह छात्राओं को अक्सर अश्लील मैसेज भेजता था, जिनमें “बेबी”, “आई लव यू”, “मेरे कमरे में आओ”, जैसे शब्द होते थे। वह कहता था, “मैं तुम्हें विदेश ले जाऊंगा। तुम्हें कुछ खर्च नहीं करना होगा” और साथ ही यह धमकी भी देता था कि “अगर मेरी बात नहीं मानी तो तुम्हें परीक्षा में फेल कर दूंगा।” वह रात में छात्राओं को अपने कमरे में बुलाता था और मना करने पर उन्हें कम ग्रेड या फेल करने की धमकी देता था।
यौन शोषण मामले में दो FIR दर्ज और 17 छात्राओं की शिकायत
इस यौन शोषण मामले में दिल्ली के वसंत कुंज पुलिस स्टेशन में दो अलग-अलग FIR दर्ज की गई थीं।
- पहली FIR: यह स्वामी चैतन्यानंद के खिलाफ फर्जीवाड़े को लेकर 23 जुलाई को 300 पेज की दर्ज हुई थी।
- दूसरी FIR: यह यौन शोषण के गंभीर मामले में 5 अगस्त को दर्ज हुई थी। यह FIR वसंत कुंज नॉर्थ पुलिस स्टेशन में BNS की धारा 75(2)/79/351(2) के तहत दर्ज की गई है।
- धारा 75(2): यौन उत्पीड़न से संबंधित।
- धारा 79: किसी महिला के शीलभंग की कोशिश।
- धारा 351(2): आपराधिक धमकी देना।
FIR दर्ज होने के बाद अब तक इस मामले में 32 छात्राओं से पूछताछ की जा चुकी है, जिनमें से 17 छात्राओं ने सीधे यौन उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई है। अब तक 16 छात्राओं के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज हो चुके हैं।
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती का विवादित प्रोफ़ाइल: हार्वर्ड और UN के नाम पर रुतबा
62 वर्षीय आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थसारथी स्वयं को संत, प्रोफेसर, फिलॉस्फर और लेखक बताता है। उसके खिलाफ पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं:
- 2009: दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में धोखाधड़ी और छेड़छाड़ का मामला दर्ज।
- 2016: वसंत कुंज में एक महिला द्वारा छेड़छाड़ का मामला दर्ज।
वह यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से मास्टर्स और भारतीय दर्शन के ग्रंथों की पढ़ाई का दावा करता है, हालाँकि, इससे जुड़े कोई प्रमाण नहीं मिले हैं।
- उसने कुल 28 किताबें लिखने का दावा किया है।
- उसकी 2023 की किताब ‘ट्रांसफॉर्मिंग पर्सनैलिटी’ के कवर पर संयुक्त राष्ट्र (UN) के पूर्व सेक्रेटरी बान की मून का नोट छपा है।
- किताब पर BJP सांसद रविशंकर प्रसाद और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेनियल गोलमैन के कमेंट भी छपे हैं।
- एक अन्य बुक ‘फॉरगेट क्लासरूम लर्निंग’ की प्रस्तावना एपल के स्टीव जॉब्स के हाथों लिखे जाने का दावा है।
- वह यूएन सेक्रेटरी के संपर्क में होने का दावा करके अपनी वोल्वो कार में यूएन नंबर की प्लेट लगाकर रौब झाड़ता था।