
गोरखपुर: साहित्य जगत की जानी-मानी हस्ती, साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष और ‘दस्तावेज’ पत्रिका के संपादक पद्मश्री प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की धर्मपत्नी श्रीमती दुर्गावती देवी (83) का मंगलवार की रात निधन हो गया। उन्होंने अपने बेतियाहाता स्थित आवास ‘दस्तावेज’ में अंतिम सांस ली। वे पिछले एक साल से गंभीर बीमारी डिमेंशिया से जूझ रही थीं। उनके निधन से साहित्य और कला जगत में शोक की लहर है। बुधवार सुबह गोरखपुर के राजघाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। यहां बड़ी संख्या में साहित्यकारों, कलाकारों और शहर के गणमान्य लोगों ने हिस्सा लेकर अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं।
बीमारी से थीं पीड़ित, घर पर ली अंतिम सांस
दुर्गावती देवी देवरिया जिले के लक्ष्मीपुर क्षेत्र में स्थित तकिया गांव के एक प्रतिष्ठित परिवार से थीं। उनका विवाह कुशीनगर के रायपुर भैंसही भेड़िहारी निवासी प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी से हुआ था। वे अपने पति और बेटों डॉ. अजय कीर्ति तिवारी और डॉ. अनंत कीर्ति तिवारी के साथ बेतियाहाता स्थित आवास पर रहती थीं। पिछले कुछ समय से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। मंगलवार की रात उनकी तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई, और रात करीब 10 बजे उनका निधन हो गया।