Gorakhpur Airport: 42 एकड़ में बनेगा अत्याधुनिक टर्मिनल भवन, दस विमान एक साथ खड़े होंगे

Gorakhpur Airport के विस्तार का रास्ता साफ, 42 एकड़ में 1000 करोड़ की लागत से नया टर्मिनल बनेगा। क्षमता बढ़कर 2500 यात्री प्रति घंटा होगी, 10 विमान खड़े हो सकेंगे। PM मोदी कर सकते हैं शिलान्यास।
Gorakhpur Airport: महायोगी गोरखनाथ एयरपोर्ट के बहुप्रतीक्षित विस्तार का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है। लगभग 42 एकड़ की विशाल भूमि पर गोरखपुर एयरपोर्ट का नया अत्याधुनिक टर्मिनल भवन निर्मित किया जाएगा। इसके लिए भारतीय वायु सेना (एयरफोर्स) ने अपनी लगभग 42.20 एकड़ जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को हस्तांतरित कर दी है। इस महत्वपूर्ण कदम के लिए मंगलवार को एयरपोर्ट पर जिला प्रशासन, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और एयरफोर्स के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
वायु सेना की जमीन का हस्तांतरण और शिफ्टिंग: एयरपोर्ट विस्तार के लिए वायु सेना अपनी मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (एमईएस) की जमीन दे रही है, जो वर्तमान एयरपोर्ट परिसर से सटी हुई है। इस भूमि पर वायु सेना की कई पुरानी इमारतें मौजूद हैं, जिन्हें अब वायु सेना कॉलोनी की ओर स्थानांतरित किया जा रहा है। नई इमारतों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। कमिश्नर गोरखपुर के निर्देशानुसार, 15 जुलाई तक इन इमारतों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद एमईएस परिसर में बनी पुरानी बिल्डिंगों को ध्वस्त कर दिया जाएगा, जिसके उपरांत नए टर्मिनल के निर्माण की निविदा प्रक्रिया प्रारंभ होगी।
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यात्री क्षमता और सुविधाओं में भारी वृद्धि: एयरपोर्ट के निदेशक आरके पराशर ने बताया कि नया टर्मिनल भवन बन जाने के बाद यात्रियों के आने-जाने की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। वर्तमान में, गोरखपुर एयरपोर्ट से प्रति घंटे 270 यात्री ही आ-जा पाते हैं, लेकिन विस्तार के बाद यह क्षमता बढ़कर 2500 यात्री प्रति घंटा हो जाएगी। इससे सालाना 53 लाख से अधिक यात्रियों को संभालने की क्षमता वाला टर्मिनल गोरखपुर में तैयार होगा, जो वाराणसी, लखनऊ और पटना के हवाई अड्डों के स्तर का होगा।
वर्तमान में केवल एक एप्रन: वर्तमान में गोरखपुर एयरपोर्ट पर केवल एक एप्रन (विमान खड़ा करने की जगह) उपलब्ध है, जिसके कारण कई बार फ्लाइट लैंड होने के बाद भी यात्रियों को विमान के भीतर लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। नए विस्तार के बाद एक साथ 10 विमानों को खड़ा करने के लिए एप्रन उपलब्ध होंगे, जिससे यहाँ से प्रतिदिन लगभग 200 उड़ानों का संचालन संभव हो सकेगा, जबकि अभी लगभग 26 उड़ानें (13 आगमन, 13 प्रस्थान) ही होती हैं। इसके अतिरिक्त, यात्रियों और वाहनों की सुगमता के लिए नंदानगर की ओर एक राउंड ओवर और अंडरपास का निर्माण किया जाएगा, साथ ही फोरलेन कनेक्टिविटी भी प्रदान की जाएगी। वाहनों की पार्किंग के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था होगी, जिसमें एक साथ लगभग 1400 कारों को पार्क किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास की संभावना: एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का शिलान्यास अगले छह महीने के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर-कमलों द्वारा किया जा सकता है। डिजाइन को अंतिम मंजूरी मिलने और अनुमानित लागत तय होने के बाद, शिलान्यास का कार्यक्रम आयोजित कर निर्माण कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। एक बार काम शुरू होने के बाद, इसे लगभग तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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…ताकि भविष्य में यात्रियों को असुविधा न हो: वित्तीय वर्ष 2023-24 में 8,67,994 यात्रियों ने गोरखपुर एयरपोर्ट से यात्रा की। वर्तमान में प्रतिदिन औसतन 3000 से 3500 लोग यहां से यात्रा कर रहे हैं, जो एक बड़ी संख्या है। इस बढ़ती यात्री संख्या को देखते हुए, नए एयरपोर्ट टर्मिनल का निर्माण अत्यंत आवश्यक है ताकि भविष्य में यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
इस नए टर्मिनल भवन के निर्माण में एक हजार करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है। परियोजना का डिजाइन तीन माह के भीतर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके बाद निर्माण कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले चार वर्षों में यह भव्य नया टर्मिनल भवन बनकर तैयार हो जाएगा।
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