दुखद: किडनी की पथरी के इलाज की नहीं थी आस, किशोरी ने खत्म कर ली ज़िंदगी

सिद्धार्थनगर के डोहरिया बुजुर्ग गांव में आर्थिक तंगी के चलते किडनी में पथरी का इलाज न होने से 15 वर्षीय किशोरी ने खुदकुशी की। जानें दर्दनाक घटना का पूरा विवरण।
सिद्धार्थनगर: क्षेत्र के डोहरिया बुजुर्ग गांव में शनिवार शाम गरीबी ने एक और मासूम जिंदगी लील ली। किडनी में पथरी के असहनीय दर्द से जूझ रही एक 15 वर्षीय किशोरी ने, आर्थिक तंगी के कारण समुचित इलाज न मिल पाने से आजिज आकर खुदकुशी कर ली।
शोहरतगढ़ थाना प्रभारी सुभाष यादव के अनुसार, डोहरिया बुजुर्ग गांव निवासी सीताराम मल्लाह की बेटी जानकी (15) पिछले कुछ दिनों से गंभीर रूप से बीमार थी। उसे पेट और कमर में लगातार तेज दर्द हो रहा था, जो समय के साथ इतना बढ़ गया था कि वह ठीक से सो भी नहीं पाती थी और उसकी दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो रही थी। करीब 15 दिन पहले चिकित्सकीय जांच में पता चला कि जानकी को किडनी में बड़ी पथरी है, जिसका ऑपरेशन ही एकमात्र समाधान था। डॉक्टरों ने तुरंत ऑपरेशन कराने की सलाह दी थी, पर सीताराम की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि वे बेटी के महंगे इलाज का खर्च नहीं उठा पा रहे थे। सीताराम दिन-रात बेटी के इलाज के लिए इधर-उधर भटक रहे थे, रिश्तेदारों और साहूकारों से मदद की गुहार लगा रहे थे, लेकिन गरीबी ने उनके हर प्रयास को विफल कर दिया।
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इलाज की आस टूटती और हर दिन दर्द से मुक्ति की उम्मीद धूमिल होती देख, जानकी ने अंततः हार मान ली। शनिवार शाम उसने गांव के बाहर एक बाग में फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। ग्रामीणों से सूचना पाकर जब सीताराम मल्लाह मौके पर पहुंचे, तो अपनी बेटी का शरीर देख वे दहाड़ मार कर रो पड़े, उनकी चीखें पूरे गांव में गूंज उठीं। उन्होंने नम आँखों से गांववालों को बेटी की बीमारी और इलाज में आ रही अपनी आर्थिक मजबूरी के बारे में बताया।
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