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जासूसी केस: यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को बड़ा झटका, जमानत याचिका खारिज

जासूसी केस: यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को बड़ा झटका, जमानत याचिका खारिज
हिसार अदालत ने यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की जासूसी मामले में जमानत याचिका खारिज की। पुलिस हिरासत के बाद अब न्यायिक हिरासत में, अगली सुनवाई 23 जून को।

Jyoti malhotra case: हरियाणा के हिसार जिले की एक अदालत ने जासूसी के संदेह में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की जमानत याचिका बुधवार (11 जून, 2025) को खारिज कर दी। उन्हें पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) सुनील कुमार ने ज्योति के अधिवक्ता कुमार मुकेश के माध्यम से दायर याचिका पर सुनवाई की।

पुलिस ने जमानत का किया विरोध, जांच जारी

पुलिस ने ज्योति की जमानत याचिका का पुरजोर विरोध किया, यह दलील देते हुए कि मामले की जांच अभी भी जारी है। अधिवक्ता कुमार मुकेश ने बताया कि अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ज्योति की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने 9 जून को ज्योति की न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ा दी थी, और अब उनके मामले की अगली सुनवाई 23 जून को होगी। ज्योति (33) वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश हुईं।

क्या है मामला?

हिसार पुलिस ने 16 मई को जासूसी के संदेह में ज्योति को न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ शासकीय गोपनीयता अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तारी के बाद, अदालत ने उन्हें पहले पाँच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था, जिसकी अवधि पूरी होने पर हिरासत को चार दिन और बढ़ा दिया गया। 26 मई को अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।



हिसार की रहने वाली ज्योति “ट्रैवल विद जेओ” नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाती थीं। पुलिस सूत्रों ने पहले बताया था कि ज्योति के पास किसी भी सैन्य या रक्षा संबंधी जानकारी तक पहुंच होने का कोई सबूत नहीं मिला है। हालांकि, पुलिस ने दावा किया कि वह कुछ ऐसे लोगों के संपर्क में थी और जानती थी कि वे पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव (PIO) हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, वह नवंबर 2023 से पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थी। भारत ने कथित तौर पर जासूसी में लिप्त होने के कारण 13 मई को दानिश को निष्कासित कर दिया था। पुलिस ने यह भी दावा किया है कि पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव ज्योति को अपने एक सूत्र के तौर पर बढ़ावा दे रहे थे। मामले की गहन जांच जारी है।



गो गोरखपुर ब्यूरो

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