देश में बढ़ रहे कोरोना के मामले: 1000 का आंकड़ा हुआ पार, केरल और महाराष्ट्र सबसे प्रभावित

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे चिंताएं बढ़ गई हैं। देश में कुल सक्रिय मामलों का आंकड़ा 1045 तक पहुंच गया है, जो 1000 के पार निकल चुका है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नागरिकों से सावधानी बरतने और बचाव के उपायों को जारी रखने की अपील की है।
राज्यों में स्थिति: केरल और महाराष्ट्र में सर्वाधिक सक्रिय मामले
आंकड़ों के अनुसार, कुछ राज्यों में कोरोना के सक्रिय मामले तेजी से बढ़ रहे हैं:
- केरल: 430 सक्रिय मामलों के साथ सबसे आगे।
- महाराष्ट्र: 210 सक्रिय मामले।
- दिल्ली: 104 सक्रिय मामले।
- गुजरात: 83 सक्रिय मामले।
- कर्नाटक: 80 सक्रिय मामले (जिनमें से 73 अकेले बेंगलुरु में)।
- अन्य राज्य: हरियाणा में 11, उत्तर प्रदेश में 15, बिहार में 2, तमिलनाडु में 69, आंध्र प्रदेश में 4, तेलंगाना में 1, छत्तीसगढ़ में 1 और पश्चिम बंगाल में 12 मामले रिपोर्ट किए गए हैं।
10 लोगों की मौत, JN.1 वेरिएंट बना चिंता का विषय
देश में अब तक कोरोना से 10 लोगों की मौत हो चुकी है। ये मौतें महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक राज्यों से रिपोर्ट की गई हैं। पिछले 24 घंटे में तीन नई मौतें दर्ज की गई हैं, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
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इस बार JN.1 वेरिएंट चिंता का मुख्य कारण बना हुआ है, जिसे ‘पिरोला’ भी कहा जाता है। इसे पहली बार अगस्त 2023 में देखा गया था और इसमें 30 म्यूटेशन हैं, जो इम्यूनिटी को कमजोर कर सकते हैं। ICMR के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल के अनुसार, भारत में कुल चार नए वेरिएंट मिले हैं – LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1। हालांकि, उन्होंने घबराने की बजाय सतर्क रहने और सावधानी बरतने की सलाह दी है।
बचाव ही एकमात्र उपाय: मास्क और स्वच्छता जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि वे लोग जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है, या जो पहले से ही गंभीर बीमारियों (जैसे फेफड़ों की बीमारी, कैंसर, हृदय रोग) से ग्रसित हैं, उन्हें अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
नागरिकों से अपील की गई है कि वे कोरोना से बचाव के लिए पूर्व में अपनाए गए सभी उपायों को जारी रखें:
- मास्क का अनिवार्य रूप से प्रयोग करें।
- बार-बार हाथ धोएं या सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
- यदि कोई लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें, स्वयं इलाज न करें।
- विदेशों से आने वाले लोगों से भी सतर्क रहने और उनके परीक्षण कराने की सलाह दी गई है।
जागरूकता और सावधानी ही इस नई लहर से लड़ने का एकमात्र प्रभावी तरीका है।
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