Go Gorakhpur:
फेफड़ों के लिए खतरनाक हो चुकी गोरखपुर शहर की आबोहवा सुधारने के लिए नगर निगम को 10 करोड़ रुपये की मदद मिली है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पहली किस्त जारी कर दी है. इस पैसे का उपयोग किए जाने के बाद दूसरी किस्त जारी की जाएगी. नवंबर 2020 में गोरखपुर शहर को नान अटेनमेंट सिटी में शामिल किया गया है.
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अजय कुमार शर्मा ने 9.63 करोड़ की रकम नगर निगम के खाते में ट्रांसफर किए जाने की सूचना नगर आयुक्त अविनाश सिंह को पत्र के माध्यम से दे दी है. इस धनराशि का उपयोग शहर के प्रदूषण स्तर को सुधारने में किया जाएगा. वायु प्रदूषण के स्तर को सुधारने का जिम्मा 19 विभागों के प्रमुखों को सौंपा गया है. इसमें जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, उपाध्यक्ष जीडीए, सीईओ गीडा, एसपी ट्रैफिक, आरटीओ, मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी और सिंचाई, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र, पीडी जल निगम, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, डीएसओ, डीआईओएस, पीडी एनएचएआई, पीडी नेडा, आरएम राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण, राज्य आपदा प्रबंधक प्राधिकरण, क्षेत्रीय अधिकारी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गोरखपुर, डीएफओ आदि शामिल हैं.
गौरतलब है कि 9 नवम्बर 2021 को गोरखपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स रिकार्ड 398 दर्ज किया गया था. जिसके बाद नगर निगम द्वारा पेड़ पौधों पर पानी का छिड़काव कराया गया था. इसके साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर के काम में सुरक्षा के मानक का ख्याल रखे जाने का भी आदेश जारी किया गया था. नगर आयुक्त नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि वायु प्रदूषण की स्थिति को सुधारने के लिए नगर निगम के साथ अन्य विभागों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिली धनराशि का उपयोग कर प्रदूषण नियंत्रण में मददगार उपकरणों, मशीनों की खरीद की जाएगी. शहर में हरियाली का दायरा भी बढ़ाया जाएगा.
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