GO GORAKHPUR: गुलरिहा पुलिस ने ब्लड माफिया सहित दो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. गैंग का सरगना नगर निगम का एक सफाई कर्मचारी है जो पूरे नेटवर्क को संचालित करता है. पुलिस इस नेटवर्क को खंगालने में जुट गई है. इस गिरोह में और कौन-कौन से लोग शामिल हैं, कितने लोगों का खून निकलवाकर बेचा गया है और क्या इसमें मेडिकल कालेज के कर्मचारी शामिल हैं, पुलिस इन सब बातों की जांच कर रही है. ब्लड माफिया, तिवारीपुर के बिंद टोला निवासी वसील खान और उसके एजेंट फरेंदा निवासी केशर देव को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया.
एसपी नार्थ मनोज अवस्थी व एएसपी मानुष पारिख ने मीडिया को बताया कि रविवार शाम को वशील खान खजांची चौराहे से महराजगंज के पनियरा निवासी गोरख चौहान को 6000 में एक यूनिट खून देने की बात कहकर अपने साथ ले गया. मेडिकल कालेज के ब्लड बैंक में केशर देव मिला वह उसका खून निकलवाया. खून पिपराइच के रुदलापुर के मरीज मोहन को 10 हजार में बेच दिया. बाद में खून देने वाले गोरख को सिर्फ 1100 रुपये देकर मारपीट कर भगा दिया.
एसपी ने बताया कि इनका एक गैंग है जो पिछले 6 महीने से मेडिकल कालेज के पास सक्रिय है. सरगना वसील पहले नगर निगम का सफाई कर्मी था. वर्तमान में वह खून की दलाली कर रहा है. खजांची चौरहै से मजदूरों को 5 से 6 हजार प्रति यूनिट खून डोनेट करने पर तय कर ब्लड बैंक ले जाते है. वहा निकलवाकर जरूरतमंद को 10 हजार प्रति यूनिट बेचते हैं और 1500 से 2500 प्रति यूनिट मुनाफा कमाते हैं. पुलिस ने बताया केशर देव मजदूर है. वहीं इस काम में मेडिकल कालेज के भी कुछ वार्ड ब्वॉय के भी शामिल होने का अंदेशा है. पुलिस उनकी भूमिका की भी जांच कर है. साथ ही गिरोह में और कौन-कौन हैं, यह भी खंगाला जा रहा है.
पुलिस पिछले एक महीने में इस माफिया से खून लेने वाले भर्ती मरीजों को भी बुलाकर उनके बयान लेगी. एसपी नॉर्थ ने लोगों से अपील की है कि दलालों के चक्कर में न पड़ें. पुलिस विभाग में भी डोनरों का ग्रुप है. अगर खून की जरूरत है, तो सिपाही राजन को 8924091231 पर काल करें.
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