कर्मचारियों के लिए ब्रिटिश शासन से भी क्रूर है सरकार: रूपेश
GO GORAKHPUR: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जनपद अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा है कि यह सरकार कर्मचारियों को पेंशन देने के मामले में ब्रिटिश सरकार से भी क्रूर हो गई है. वे पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने को लेकर आयोजित संगठन की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे. बैठक परिषद के कैंप कार्यालय तुर्कमानपुर बरफखाना पर आयोजित थी. वे उसकी अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन देने की व्यवस्था थी. यह व्यवस्था तभी से चली आ रही थी. इससे कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद अपना जीवन सम्मानजनक तरीके से जीता था लेकिन हमारी सरकार इतनी क्रूर हो गई है कि वर्ष 2004 से कर्मचारियों का अधिकार छीन लिया जो संविधान सम्मत नहीं है. दुख इस बात का है की एक प्रधान–एक विधान की बात करने वाली सरकार इसपर मौन है.
बैठक का संचालन करते हुए संगठन के मंत्री अश्वनी श्रीवास्तव ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था कर्मचारियों के पेंशन से नहीं बल्कि माननीयों की फिजुल खर्ची से खराब हो रही है, कर्मचारियों की पेंशन बंद करने से अगर देश का विकास होता तो देश अब तक 18 वर्ष में विकसित राष्ट्र बन गया होता, इसलिए सरकार नेताओं की फिजूलखर्ची पर रोक लगाए. इन्हें आयकर के दायरे में लाए क्योंकि नेताओं के पास अरबों खरबों की संपत्ति है.फिर भी वे आयकर के दायरे से बाहर हैं इसलिए देश की अर्थव्यवस्था खराब हो रही है. अगर ऐसी व्यवस्था हो जाए तो कर्मचारी को पेंशन देने से देश की आर्थिक दशा खराब होने का प्रश्न नहीं उठेगा.
परिषद के उपाध्यक्ष मदन मुरारी शुक्ला ने कहा के संविधान में विधायिका के तीन अंग हैं. व्यवस्थापिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका. यहां व्यवस्थापिका अपने लिए तो पेंशन की व्यवस्था जारी रखे हुए है लेकिन कार्यपालिका और न्यायपालिका के लिए यह व्यवस्था खत्म कर दी है. यह देश की संविधानिक व्यवस्था का हनन है. इसलिए सरकार को चाहिए कि वह शीघ्र कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल कर, एक राष्ट्र एक पेंशन की व्यवस्था बनाए.
बैठक में रूपेश कुमार श्रीवास्तव, अश्वनी श्रीवास्तव, वरुण बैरागी, अरुण द्विवेदी, गोविंद जी,शब्बीर अली,मदन मुरारी शुक्ल, बंटी श्रीवास्तव, विजय मिश्र, रघुनंदन उपाध्याय कृष्ण मोहन गुप्ता, अशोक पांडेय, बासुकीनाथ तिवारी भारतेंदु यादव, राजेश सिंह, प्रभु दयाल सिन्हा अनूप कुमार, इजहार अली, राघवेंद्र कुमार फुलई पासवान, रामधनी पासवान पृथ्वीनाथ गुप्ता, जयराम गुप्ता कनिष्क गुप्ता विनीता सिंह यशवीर श्रीवास्तव, जितेंद्र कुमार, शशि भूषण, डा. एसके विश्वकर्मा, सहित तमाम कर्मचारी उपस्थित रहे.