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Go Gorakhpur: नेताजी नहीं रहे. देश-प्रदेश के हर कोने में राजनीतिक जगत उनकी स्मृतियों को नमन कर रहा है. गोरखपुर के जेहन में भी नेताजी की ढेर सारी यादें हैं. समाजवादी पुरोधा की विदाई के इस दुखद अवसर पर दलगत सीमाएं टूट गई हैं. पक्ष-विपक्ष-प्रतिपक्ष का कोई राजनेता हो, वह नेताजी के साथ अपने संबंधों को याद कर भावुक हो रहा है.
नगर विधायक की 13 मांगों को पूरा किया
राज्यसभा सांसद डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने नेताजी के निधन पर खेद जताते हुए उनके साथ के कई रोचक प्रसंगों को मीडिया से साझा किया. उन्होंने कहा कि गोरखपुर में धर्मशाला ओवरब्रिज निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उसका लोकार्पण होना था. लोकार्पण कार्यक्रम से पहले ही राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया. इस प्रकरण के दौरान नेताजी ने नॉर्मल स्कूल के मैदान में समाजवादी पार्टी की जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि गोरखपुर के विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल जो कुछ भी मांग रखेंगे, मैं उन्हें पूरा कर दूंगा. डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि नेताजी के उस संबोधन के बाद हमने लखनउ में नेताजी से मुलाकात की और उन्हें 13 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा. नेताजी अपने वचन के पक्के थे. उन्होंने उन सभी 13 मांगों को पूरा किया. डॉ. राधा मोहन ने बताया कि उन 13 मांगों में सूरजकुंड, तरंग और मोहद्दीपुर चारफाटक पर ओवरब्रिज की मांग शामिल थी. पूर्व नगर विधायक ने नेताजी के प्रति आभार जताया.
जब महावीर प्रसाद के लिए रोक दिया काफ़िला
सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रबली यादव ने नेताजी की गोरखपुर यात्रा से जुड़ा संस्मरण मीडिया से साझा किया. उन्होंने बताया कि धुरियापार चीनी मिल के पेराई सत्र का उद्घाटन करने नेताजी वहां पहुंचे. धुरियापार में हेलीपैड से उतरने के बाद जब उनका काफिला चीनी मिल की ओर बढ़ा तो उन्होंने पूछा कि यहां का सांसद कौन है. चंद्रबली यादव ने नेताजी को बताया कि कांग्रेस के दिग्गज नेता महावीर प्रसाद सांसद हैं. यह सुनते ही नेताजी ने अपना काफिला वहीं रुकवा दिया. काफिला रुका तो पूरा प्रशासनिक अमला पसीने-पसीने हो गया. नेताजी ने तत्कालीन एसएसपी बीबी बख्शी से कहा कि महावीर प्रसाद काफिले में पीछे जहां भी हों, उन्हें मेरे पास ले आइए. एसएसपी, महावीर प्रसाद जी को अपने साथ लेकर नेताजी के पास कुछ ही देर में हाजिर हो गए. मुलायम सिंह ने महावीर प्रसाद से उनका हाल-चाल पूछा और अपने साथ चलने के लिए कहा. इस पर महावीर प्रसाद भावुक हो गए. उन्होंने नेताजी से कहा कि आपने मेरे लिए काफिला रोककर जो सम्मान दिया है वह मैं जीवनभर नहीं भूलूंगा.
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