GO GORAKHPUR: गोड़धोइया….शहर का हर आदमी इस नाम से वाकिफ़ है. प्रदूषित काले पानी की धार में घुटकर मर चुकी एक नहर, जो अब नाले की शक्ल और पहचान ले चुकी है. कभी किसानों के लिए संजीवनी के रूप में बहने वाली नहर को फिर से ज़िंदा करने के लिए योगी सरकार ने एक सार्थक पहल की, और प्रशासनिक अमले की सक्रियता से वह पहल अब रंग लाने लगी है. गोड़धोइया नहर के दोबारा जीवित होने की राह में सबसे बड़ी अड़चन ‘मुआवज़े’ की थी. यह अड़चन जल्द ही दूर होने जा रही है. उम्मीद है कि शहर के नक्शे पर गोड़धोइया नहर की साफ-स्वच्छ लहरें फिर से आकार ले सकेंगी.
मुआवजे के तौर पर करीब 600 करोड़ रुपये दिए जाने हैं
नहर को पुनर्जीवित करने के लिए जो प्रस्ताव तैयार किया गया है उसमें निर्माण की सीमा में 800 मकान आ रहे हैं. इन मकानों को हटाने से प्रभावित होने वाले लोगों को मुआवजे के तौर पर करीब 600 करोड़ रुपये दिए जाने हैं. इसके लिए सर्वे हो चुका है. प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है. जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश के मुताबिक इसी माह मुआवजे की धनराशि मिल जाने की उम्मीद है. धन मिलते ही मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी ताकि जीर्णोद्धार में किसी तरह की बाधा न आए. गोड़धोइया नहर का पानी जहां तक बह रहा है, वहां पड़ने वाली जमीन आदि के लिए मुआवजा नहीं दिया जाएगा. बाकी निर्माण के लिए अधिकतम सर्किल रेट दोगुना के बराबर मुआवजा दिया जाएगा. मकान के लिए अलग से क्षतिपूर्ति दी जाएगी. इसके लिए सर्किल रेट के साथ ही मकान कितना पुराना है, इसके मुताबिक रेट निर्धारित किया गया है.
मेडिकल कालेज से मोहद्दीपुर, पैडलेगंज की तरफ आना-जाना होगा आसान
इस नहर के जीर्णोद्धार से शहर के कई इलाकों को जलभराव से मुक्ति मिलने के साथ ही जाम से भी छुटकारा मिलेगा. उल्लेखनीय है कि मेडिकल कालेज के पास से रामगढ़ ताल तक करीब 9.7 किलोमीटर लंबे बनने वाले गोड़धोइया नहर के दोनों ओर पांच मीटर चौड़ी सड़क भी बनाई जाएगी. इससे मेडिकल कालेज की ओर से मोहद्दीपुर, पैडलेगंज की तरफ आना-जाना आसान हो जाएगा. जलनिगम द्वारा तैयार की गई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के अनुसार मेडिकल कालेज की तरफ नहर की चौड़ाई 11 मीटर तो रामगढ़ ताल की तरफ 32.5 मीटर होगी. इसके बाद दोनों ओर सर्विस लेन बनाई जाएगी. वहीं जल निगम नाले के दोनों ओर ऊंची फेंसिंग भी लगाएगा, ताकि कोई भी व्यक्ति कूड़ा न फेंक सके. इस नहर के बनने से मेडिकल कालेज, चंद्रगुप्त कालोनी, बशारतपुर, राप्ती नगर सहित 50 मोहल्लों की जलभराव की समस्या दूर हो जाएगी.
गोड़धोइया नहर के पानी को साफ करने के लिए नाले के दोनों तरफ सीवरेज लाइन डाली जाएगी. रामगढ़ ताल की तरफ 38 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) क्षमता का एसटीपी 44,300 घरों से निकलने वाले गंदे पानी को साफ करेगा. इसके बाद रामगढ़ ताल में साफ पानी गिरेगा.
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