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Go Gorakhpur:
शहर की 100 कालोनियों से अवैध का दाग मिट जाएगा. गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) की नई महायोजना 2031 को जीडीए बोर्ड ने बुधवार को मंजूरी दे दी. एक हफ्ते में इसे जीडीए की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा. महायोजना देखकर लोग आपत्तियां एवं सुझाव दे सकेंगे. आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद महायोजना शासन को भेज दी जाएगी.
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महायोजना में हरित क्षेत्र एवं खुला क्षेत्र व पार्क के भू उपयोग में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. इसकी वजह से ग्रीन बेल्ट में बसी कालोनियों को लेकर लोगों को सुझाव देने होंगे. यह महायोजना 25 लाख की आबादी को ध्यान में रखकर बनाई गई है. 203 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के लिए तैयार महायोजना में कुल क्षेत्रफल का आधा हिस्सा (49 प्रतिशत क्षेत्रफल) ही आवासीय रखा गया है. हाईवे के दोनों ओर 30 मीटर का बफर जोन रखा जाएगा. इसके बाद दोनों तरफ 18 मीटर चौड़ी रोड रहेगी. सड़क के बाद 282 मीटर क्षेत्रफल कॉमर्शियल एक्टीविटीज़ के लिए सुरक्षित रहेगा. शहर के बाहरी क्षेत्रों में प्लाटिंग कर रहे करीब 150 कालोनाइजर्स भी महायोजना लागू होने के बाद तलपट मानचित्र स्वीकृत करा सकेंगे. नया गोरखपुर बसाने का रास्ता भी साफ होगा. वन क्षेत्र से 100 मीटर परिधि को ग्रीन क्षेत्र घोषित किया जाएगा.
महायोजना में शहर की करीब 1700 एकड़ जमीन विनियमितीकरण से मुक्त हो सकती है. अभी इस जमीन पर मानचित्र पास नहीं होता है और जो भी निर्माण यहां हुए हैं, वे अवैध की श्रेणी में हैं. इस जमीन पर मानचित्र पास होने से लोगों को तो फायदा होगा ही जीडीए की आय भी बढ़ेगी. जीडीए के क्षेत्र का विस्तार भी हो चुका है. शहर की परिधि में अब 319 गांव और तीन नगर पंचायतें इसमें शामिल हैं. जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह ने मीडिया को बताया कि जीडीए की नई महायोजना के प्रारूप को आगे बढ़ाने की मंजूरी बोर्ड से मिल गई है. जल्द ही इसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा, जिसके बाद लोग आपत्तियां एवं सुझाव दे सकेंगे. बैठक के मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, जीडीए सचिव उदय प्रताप सिंह, नगर नियोजक हितेश आदि उपस्थित रहे.
हर इंट्री प्वाइंट पर बस स्टेशन की व्यवस्था: महानगर के हर इंट्री प्वाइंट पर वस स्टेशन बनाने की व्यवस्था की गई है. चौराहों पर लगने वाले जाम की स्टडी करने के वाद महायोजना में शहर को जाम से निजात दिलाने का मुकम्मल इंतजाम किया गया है. लैंडयूज ऐसा तय किया गया है जिससे भविष्य में ट्रांसपोर्टनगर, वेयर हाउस, मंडी, शैक्षणिक एवं मेडिकल संस्थाओं को शहर से वाहर शिफ्ट करने में किसी तरह की परेशानी न हो. महराजगंज रोड, सोनौली रोड, कुशीनगर रोड व देवरिया रोड पर इसकी सुविधा मिलेगी.
नया गोरखपुर आकार लेगा: कुशीनगर रोड एवं देवरिया रोड के बीच नया गोरखपुर बसाने का प्रस्ताव नई महायोजना में शामिल किया गया है. लगभग 1800 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर इसे बसाने की योजना है. कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट एवं गोरखपुर एयरपोर्ट से बेहतर कनेक्टिविटी होने से इस क्षेत्र को नया गोरखपुर के लिए उपयुक्त माना जा रहा है.
वनों के किनारे बनेगा ग्रीन जोनः वन विभाग की ओर से दिए गए सुझावों के वाद वन क्षेत्र के चारों ओर 100 मीटर के दायरे को महायोजना में ग्रीन जोन के तौर पर रखा जाएगा. तुर्रा नाला को भी वन विभाग ने अपने क्षेत्र में माना है इसलिए इस नाले से 100 मीटर का दायरा लिया जाएगा. यदि किसी की निजी जमीन भी इस वीच में होगी तो उसे भी ग्रीन जोन के नियम का पालन करना होगा.
प्राकृतिक नालों के दोनों ओर होगा बफर जोन: महायोजना में गोडधोइया नाला, रामगढ़ताल नाला जैसे प्राकृतिक नालों के दोनों तरफ 15-15 मीटर तक वफर जोन रखने का प्रस्ताव शामिल किया गया है. यहां कोई निर्माण नहीं हो सकेगा. हालांकि लोग आपत्ति दर्ज करा सकेंगे.
ग्रीन लैंड पर बसी कालोनियों को रहत नहीं: महायोजना में ग्रीन लैंड में वनी कालोनियों को नियमित करने का प्रस्ताव शामिल नहीं किया गया है. ग्रीन लैंड पर वसी कालोनियों के लोग भी आपत्ति दर्ज करा कर कालोनी को नियमित कराने की अपील कर सकते हैं.
विनियमित होना है तो दें सुझाव: 1700 एकड़ क्षेत्रफल विनियमितीकरण में है. यहां पर निर्माण नहीं कराया जा सकता है जिससे मानचित्र भी पास नहीं हो सकता है. लोगों को उम्मीद थी कि महायोजना में इससे निजात मिल जाएगी लेकिन इसे लोगों पर छोड़ा गया है. वेबसाइट पर प्रस्ताव अपलोड होने के वाद लोग विनियमितीकरण से मुक्ति के लिए सुझाव दे सकते हैं. उनके सुझावों के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
चिलुआताल क्षेत्र भी होगा सुरक्षित: चिलुआताल के सुंदरीकरण के लिए इसके चारों ओर वफर जोन का प्रस्ताव दिया गया है. यह वफर जोन 100 मीटर से लेकर 500 मीटर तक होगा. यहां आवासीय निर्माण नहीं हो सकेगा. यहां वाटर पार्क, काटेज, वाटर स्पोर्ट्स आदि से जुड़ी गतिविधियों की अनुमति होगी.
बाजार स्ट्रीट की सुविधा मिलेगी: मेट्रो एवं अन्य परियोजनाओं का भी महायोजना में ख्याल रखा गया है. मेट्रो रूट के दोनों ओर वाजार स्ट्रीट का लैंडयूज दिया जाएगा. जिससे दोनों ओर वाणिज्यिक विकास हो सकेगा.