मनीष गुप्ता— फाइल फोटो |
GO GORAKHPUR: कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में सिर्फ इंस्पेक्टर जेएन सिंह पर हत्या का आरोप तय हुआ है. उनके दूसरे साथी 5 अन्य आरोपी पुलिसवालों पर मारपीट-धमकी का केस चलेगा. सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विजय कुमार झा ने आरोपी बनाए गए अक्षय मिश्रा समेत अन्य पुलिसकर्मियों को साक्ष्य मिटाने, मारपीट, धमकी देने और षड्यंत्र रचने का आरोपी माना है.
जिन धाराओं में अभियुक्तों पर आरोप तय हुए हैं, अब उसी पर केस आगे चलेगा. सभी 5 आरोपियों को जमानत भी मिल गई है. सिर्फ जेएन सिंह को जमानत नहीं मिली है. हालांकि, जेएन सिंह ने जमानत के लिए अप्लाई भी नहीं किया था. दरअसल, इस मामले में 7 जनवरी, 2022 को सीबीआई ने इंस्पेक्टर जेएन सिंह, 3 सब इंस्पेक्टर, हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल को हत्यारोपी माना था. इन सभी के खिलाफ सीबीआई ने आईपीसी की धारा 302, 325, 323, 506, 218, 201, 34, 120 b और 149 के तहत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर जेएन सिंह को छोड़ अन्य 5 पुलिसवालों पर से हत्या के आरोप हटा दिए हैं.
क्या था वाकिया
मनीष गुप्ता कानपुर के निवासी थे, वे प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे.वे गोरखपुर आए और रामगढ़ताल इलाके के होटल कृष्णा पैलेस में 27 सितंबर की रात ठहरे. होटल में पहुंची पुलिस ने उनकी इतनी पिटाई की कि उनकी मौत हो गई. परिवार वालों ने पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगाया था.
मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने रामगढ़ताल थाने पर तैनात रहे इंस्पेक्टर जेएन सिंह, दरोगा अक्षय मिश्र, राहुल दुबे, विजय यादव, कॉन्स्टेबल कमलेश यादव और आरक्षी प्रशांत सहित 6 पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज कराया. सभी पुलिसकर्मी इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं.