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GO GORAKHPUR: पूर्वोत्तर रेलवे पेंशनर्स एसोसिएशन 17 दिसंबर को पेंशनर दिवस समारोह आयोजित करने जा रहा है. तैयारी इस बार बड़े पैमाने पर की जा रही है.इसमें अन्य मांगों के अलावा पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की प्रमुख होगी.समारोह में संगठन ने वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, पूर्व वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला, राज्यसभा सांसद डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल को आमंत्रित कर रखा है.
पेंशन दिवस की सफलता के वास्ते एसोसिएशन की बीते रविवार को नेहरू इन्टर कालेज,बिछिया के मीटिंग हाल की बैठक हुई.इसमे पूर्वोत्तर रेलवे पेंशनर्स एसोसिएशन के केन्द्रीय एवं स्थानीय सभी शाखा पदाधिकारियों ने शिरकत की.बैठक में कार्यक्रम की सफलता के वास्ते विभिन्न पहलुुओं पर विचार किया गया. बताते चलें कि “पेंशनर दिवस” समारोह 17 दिसंबरको दिन मे 2 बजे से लोको स्पोर्ट्स ग्राउंड में संपन्न होगा.कार्यक्रम में जिन और प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है उनमें रेलवे के प्रमुख मुख्य चिकित्सा निदेशक डा.बी एन चौधरी,पूर्व प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक रण विजय सिंह शामिल हैं. कार्यकारी अध्यक्ष अमिय रमण ने कहा कि समारोह मे न्यू पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग प्रमुखता से उठाई जाएगी.
बताया कि केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार के सभी सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारी एक मंच पर अपनी आवाज को बुलंद करेंगे.सभी पदाधिकारियों ने प्रचार प्रसार के साथ समारोह की तैयारी मे जी जान से जुटने का संकल्प लिया. बैठक में ए के कोहली, सुभाष चौधरी, मुन्नीलाल गुप्ता, सुभाष वर्मा, अशोक कुमार श्रीवास्तव, देवेन्द्र मणि त्रिपाठी, राधेश्याम सिंह, अजीत कुमार श्रीवास्तव, मृदुला श्रीवास्तव, अशोक कुमार सिंह, भानु प्रकाश नारायण, दिनेश सरन, सीपी राय, विष्णु सिंह, जीसी मिश्र, शैलेंद्र शर्मा, चुन्ने, अरूण श्रीवास्तव, जीएन सिंह, योगेंद्र बहादुर खरे, एके सरकारी, एके विश्वकर्मा, नजमुद्दीन, राजेंद्र प्रसाद, एमएम मिश्रा, एचएन सिंह आदि की सहभागिता प्रमुख रही.
बताते चलें कि संगठन ने अपनी मांगों के समर्थन में 12 सूत्रीय एक मांग पत्र तैयार कर रखा है. उसकी प्रमुख मांग है कि पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए. संगठन का कहना है कि विधायकों सांसदों को तो 1 जनवरी 2004 के बाद भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है जबकि कर्मचारी इससे वंचित है.उसका सवाल है कि यह दोहरा मानक क्यों.
संगठन 31 दिसंबर अथवा 30 जून को सेवानिवृत्त कर्मचारी को 1 जनवरी 1 जुलाई का इंक्रीमेंट तथा उस पर आधारित समस्त लाभ दिया जाए.उसका तर्क है कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट भी अपनी व्यवस्था दे चुका है. वह आयु आधारित पेंशन में वृद्धि की भी मांग कर रहा है. उसकी मांग है कि 65 वर्ष पर 5%, 70 वर्ष पर 10%, 75 वर्ष पर 15% वृद्धि लागू की जाए. इसके लिए उसने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसी सरकारों कज नजीर दी है. कहा है कि इस आशय का शासनादेश ये सरकारें पहले ही जारी कर चुकी हैं.
उसकी मांग है कि राशिकृत पेंशन भाग की बहाली 15 वर्ष की बजाय 12 वर्ष पर कर दी जानी चाहिए.संगठन का कथन है कि सरकार इस राशि की भरपाई 10 वर्ष की अवधि पर ही कर लेती है.यदि 2 वर्ष का मार्जिन भी रखा जाए तो 12 वर्ष पर पूरी पेंशन राशि बहाल कर दी जानी चाहिए.
नियत चिकित्सा भत्ता बढ़ाकर 1000 से 3000 करने, एसीपी का लाभ 1 सितंबर 2008 की जगह 1 जनवरी 2006 से, 2016 से पूर्व सेवानिवृत्त रनिंग स्टाफ के पेंशनर की पेंशन कार्यरत कर्मचारियों के पैटर्न पर पीसी टू पीसी के आधार पर किए जाने और 31 दिसंबर 2015 को निर्धारित पे में पेंशन पर में 55% रनिंग एलाउंस जोड़कर नेशनल पे की गणना कर 50 प्रतिशत पेंशन निर्धारित किए जाने की भी मांग कर रहा है. उसका यह भी कहना है कि आरयूएचएस कार्ड होल्डर को सीजीएचएस के सम्मान पैन इंडिया स्मार्ट कार्ड के साथ सभी राजकीय अथवा सीजीएचएस अनुमोदित अस्पताल में निशुल्क चिकित्सा प्रदान की जाए. उनका तर्क है कि अब रेलवे का बजट अलग नहीं रहा और यह केंद्र सरकार के बजट में आमेलित कर दिया गया है.
संगठन की भी मांग है कि पुरानी बीमारी के मरीज को 3 माह की दवा एकमुश्त दे दी जाए. सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों को विजयदशमी पर्व पर टोकन पीएलबी बोनस दी जाए. इस संबंध में संगठन का तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट भी मानता है कि पेंशन एक तरह का ‘डिफर्ड वेज’ है. उनकी मांग है कि पेंशन की राशि को आयकर से मुक्त किया जाए. इसके लिए पांचवें वेतन आयोग के पैरा 168.111 में पहले ही अनुशंसा की जा चुकी है.