GO GORAKHPUR: गोरखपुर महानगर में गीता वाटिका के करीब के मोहल्ले घोसीपुरवा में मंगलवार की सुबह एक ही परिवार के तीन सदस्यों के शव फंदे से लटके मिले. ये पिता और उसकी दो नाबालिग बेटियों के हैं. घटना की जानकारी मिलते ही पूरे इलाके में सनसनी फैल गई. शाहपुर पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है.

प्रथम दृष्टया पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है. घटना की वजह आर्थिक तंगी बताई जा रही है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

मिली जानकारी अनुसार बेटियों का शव एक कमरे में तथा पिता का शव दूसरे कमरे में पंखे से लटका हुआ पाया गया. कमरे में एक सुसाइड नोट भी मिला है. यह तोते के पिंजरे के पास रखा हुआ था. सुसाइड नोट में पिंजरे के तोतों को उड़ा दिए जाने का आग्रह किया गया है.

पुलिस हैंडराइटिंग की जांच करा रही है. घर का मेन गेट खुला हुआ था. यह सामूहिक आत्महत्या है या हत्या यह अभी तक स्पष्ट नहीं है. पुलिस साक्ष्य एकत्रित करने में लगी हुई है.

घटना ओम प्रकाश (65 वर्ष) के घर घटी. ओमप्रकाश मूलतः बिहार के सिवान जिले के गुठनी थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. करीब 30 साल पहले वह गोरखपुर के घोसीपुरवा में शिफ्ट कर गए. मकान बना लिया. उनके दो बेटे एक नीतीश हैं और दूसरे जितेंद्र थे. दोनों अलग-अलग रहते थे.

बताते हैं कि 1999 में एक घटना के दौरान मैरवा स्टेशन पर गोरखपुर आते समय जितेंद्र का पैर ट्रेन से कट गया. दुर्भाग्य ने उनका पीछा नहीं छोडा. दो साल पहले पत्नी की कैंसर से मौत हो गई. उसके निदान में काफी पैसे खर्च हो गए. जीतेंद्र ने घर पर रहकर ही कपड़ों की सिलाई का काम शुरू किया था. वे एक अच्छे टेलर मास्टर के रूप में जाने जाने लगे थे.

उनके छोटे भाई नीतीश के अनुसार बड़े भाई की दोनों बेटियां 16 वर्षीय मान्या और 14 वर्षीय मानवी घर के करीब के स्कूल सेंट्रल एकेडमी में कक्षा 9 और 7 में पढ़ाई करती थीं. सोमवार को बाल दिवस के अवसर पर दोनों ने कार्यक्रम में भाग लिया था. घर लौट कर लिट्टी और गोश्त पकाया था. उनके बाबा ओमप्रकाश भोजन कर काम पर चले गए थे. वह स्थानीय किसी प्रतिष्ठान में गार्ड की ड्यूटी करते हैं.

स्कूल प्रशासन का कहना है की लड़कियां होनहार थीं. वे किसी मनोवैज्ञानिक दबाव का शिकार नहीं हो सकती थीं. उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम में उत्साह पूर्वक हिस्सा लिया था. पुलिस के मुताबिक घटना वाली जगह से कुछ ऐसी चीजें मिली है जिसकी शुरुआती जांच से संकेत मिल रहे हैं कि घटना सुसाइड की ही है. परिवार की आर्थिक स्थिति और कर्ज का बोझ इसकी एक वजह हो सकती है.

फिलहाल पुलिस विभिन्न पहलुओं से घटना की जांच करने में जुटी हुई है. घर में पाया गया तोते का पिंजरा कपड़े से ढका हुआ था. तोते इन्ही बेटियों ने पाल रखा था. उन्होंने इनके नाम पाब्लो और लिली रखे थे. पास में एक सुसाइड नोट पड़ा मिला. इसमें लिखा हुआ था कि बाद उनकी मौत दोनों तोतों को छोड़ दिया जाए. लोगों ने पिंजरे से निकालकर तोतों को उड़ाने की कोशिश की तो वे उड़ नहीं सके. पुलिस ने इन्हें भी कब्जे में ले लिया है.

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By गो गोरखपुर

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