GO GORAKHPUR: अगर आप कैश लेकर नेपाल सीमा में प्रवेश कर रहे हैं तो थोड़ी सतर्कता बरतें. अगर आपके पास मौजूद रकम के जरूरी प्रपत्र नहीं होंगे तो आप नियमों के फेर में फंस जाएंगे. पिछले कुछ माह में भारत-नेपाल सीमा पर ऐसे लोगों की रकम फंस गई जिन्होंने प्रपत्र नहीं प्रस्तु किए. पकड़ा गया कैश कस्टम के पास जमा हो जाता है
लुंबिनी द्वार. फाइल फोटो


GO GORAKHPUR: अगर आप कैश लेकर नेपाल सीमा में प्रवेश कर रहे हैं तो थोड़ी सतर्कता बरतें. अगर आपके पास मौजूद रकम के जरूरी प्रपत्र नहीं होंगे तो आप नियमों के फेर में फंस जाएंगे. पिछले कुछ माह में भारत-नेपाल सीमा पर ऐसे लोगों की रकम फंस गई जिन्होंने प्रपत्र नहीं प्रस्तु किए. पकड़ा गया कैश कस्टम के पास जमा हो जाता है. 

सामान्य भारतीय नागरिक को नेपाल में सिर्फ 25 हजार भारतीय मुद्रा नेपाल ले जाने और ले आने की अनुमति है. अगर आप नेपाल यात्रा के दौरान 25 हजार से ज्यादा कैश रखना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी दस्तावेज अपने पास रखने होंगे. रकम की इस सीमा से सबसे ज्यादा परेशानी व्यापारियों को होती है. जानकारी के अनुसार, यूं तो भारत-नेपाल सीमा पर व्यापारिक दृष्टि से स्थानीय प्रशासन 50 हजार रुपए आने और ले जाने पर कड़ाई नहीं करता है. लेकिन अक्सर लोग जानकारी न होने की वजह से या फिर चालाकी से बच निकलने के फेर में ज्यादा रकम लेकर नेपाल जाने की कोशिश करते हैं. नेपाल सीमा पर अक्सर भारी मात्रा में भारतीय एवं नेपाली मुद्रा की बरामदगी होती रहती है. 
उधर, नेपाल में भारतीय मुद्रा को लेकर स्थानीय लोगों और भारतीय पर्यटकों में असमंजस की स्थिति है. नेपाल में भारतीय करेंसी से सामान खरीदना थोड़ा मुश्किल हो गया है. नेपाल सरकार ने 100 रुपये से ऊपर की भारतीय करेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया है. नेपाल में खरीदारी के लिए जाने वाले लोग ज्यादातर निराश लौट रहे हैं. भारत में दो हजार की मुद्रा पर लगी रोक के बाद यह स्थिति और सख्त हुई है. कुछ लोग करेंसी एक्सचेंज करवा रहे हैं. तो इसके लिए कमीशन तक देना पड़ रहा है. जानकार बताते हैं कि पहले नेपाली करेंसी को भारतीय करेंसी में बदलने के लिए कमीशन देना पड़ता था. लेकिन अब ये उल्टा हो गया है. इस समस्या से भारतीय पर्यटक ही नहीं, बल्कि सीमा पर कारोबार से जुड़े व्यापारी और भारत में रोजगार के लिए पहुंचने वाले लाखों नेपाली नागरिक असमंजस में हैं. 
सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों का कहना है कि रकम लेकर जाने पर समस्या होती है. रकम के बारे में समुचित जानकारी नहीं मिलने पर रकम कस्टम के पास जमा हो जाती है. तय सीमा से ज्यादा रकम पकड़े जाने पर उस पर पेनाल्टी लगती है. कस्टम विभाग बरामद रुपये के संबंध में जांच करने के बाद उस पर पेनाल्टी और शुल्क जमा कर बरामद रुपये उसके स्वामी के सुपुर्द कर देता है.
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By गो गोरखपुर

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