GO GORAKHPUR: नसबंदी के बाद भी बच्चा पैदा होने पर स्थाई लोक अदालत के चेयरमैन गिरजेश कुमार पांडेय एवं सदस्य वेद प्रकाश त्रिपाठी ने सीएमओ गोरखपुर के विरुद्ध निर्णय दिया कि वह परिवादिनी हेवंता देवी को तीस हजार रुपये सात प्रतिशत ब्याज के साथ 45 दिन के अंदर भुगतान करें. आदेश का अनुपालन न करने पर ब्याज नौ प्रतिशत देय होगा.
कैंपियरगंज थाने के लक्ष्मीपुर टोला करमहा कला निवासी हेवंता देवी ने स्थाई लोक अदालत में परिवाद दाखिल किया था. उसने कहा था कि वह गरीब, मजदूर और भूमिहीन महिला है. उसके पहले से एक लड़का और दो लड़कियां हैं. उसे भविष्य में कोई और संतान उत्पन्न न हो इसलिए उसने जंगल कौड़िया स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 10 मार्च 2014 को नसबंदी कराई. बावजूद इसके परिवादिनी को 10 नवंबर 2014 को दो जुड़वा पुत्रियां पैदा हो गईं. अब बच्चों का भरण पोषण परिवादिनी के लिए संकट का विषय बन गया.
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