मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने पूर्वांचल को बड़ा तोहफ़ा देने की घोषणा की है. उन्होंने राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) का ट्रेनिंग सेंटर बनाने पर काम करने के निर्देश दिए हैं. यह ट्रेनिंग सेंटर बनने से पूर्वांचल के युवाओं को क्या लाभ मिलेगा? आइए, इसकी पड़ताल करते हैं.
राष्ट्रीय कैडेट कोर की स्थापना 16 जुलाई, 1948 को हुई थी. इसके लिए बाकायदा ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर अधिनियम’ पारित हुआ था. एनसीसी का उद्देश्य युवाओं का चारित्रिक विकास, भाईचारा, अनुशासन, धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण, साहस की भावना और निस्वार्थ सेवा के आदर्शों का विकास करना है. युवा भले ही कोई करियर चुनें, लेकिन उनमें जीवन के सभी क्षेत्रों में नेतृत्व का गुण विकसित हो, वे संगठित—प्रशिक्षित और प्रेरित बनें और राष्ट्र की सेवा करें. एनसीसी, देश के युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान करता है.
उत्तर प्रदेश में HQ NCC Dte (UP) की आधारशिला 17 जनवरी 1950 को रखी गई. तब इसे HQ No.6 Circle NCC नाम से जाना जाता था. इसके पहले सर्किल कैडर लेफ्टिनेंट कर्नल दिलबाग सिंह थे. आज की तारीख में यूपी में एनसीसी के 11 ग्रुप और 110 यूनिट हैं. इन यूनिट में 103 आर्मी की, 3 नेवी की और 4 एयरफोर्स की हैं.
पिछले दिनों गोरखपुर मंडल के अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में एनसीसी ट्रेनिंग कैंप खोलने की घोषणा की. उन्होंने ट्रेनिंग सेंटर के लिए 10 एकड़ जमीन तलाशने के निर्देश दिए हैं. गोरखपुर जिले में एनसीसी ट्रेनिंग कैंप खुलने से पूर्वांचल के युवाओं को सीधा लाभ मिलेगा. एनसीसी में शामिल होकर वे राष्ट्र की सेवा करने के साथ ही अपने कैरियर को ग्रूम कर पाएंगे. ट्रेनिंग सेंटर करीब होने से उन्हें एनसीसी से जुड़ने में कोई बाधा नहीं आएगी.
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