यामिनी में हुई “कत्थक उत्सव” प्रतियोगिता
यामिनी सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थान की निदेशिका गीता सिंह जी ने वंदना दास (सोशल वर्कर दूरदर्शन आकाशवाणी की सीनियर आर्टिस्ट) एवं गुरु मां सोनिका सिंह जी (अंतरराष्ट्रीय कत्थक नृत्यांगना) को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया. प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए. प्रतियोगिता की शुरुआत शिवि द्वारा कत्थक नृत्य की प्रस्तुति से हुई. उसके तत्पश्चात प्रेक्षा ने अपने नृत्य की प्रस्तुति दी. प्रस्तुतिकार आरना द्वारा अपने नृत्य की प्रस्तुति हुई. कत्थक उत्सव में प्रतिभागियों ने कथक नृत्य में तत्कार, नमस्कार, थाट, आमद, परन, चक्कर धार परन, कवित आदि की प्रस्तुति दी. कथक नृत्यांगनाओं के नृत्य प्रदर्शन से कार्यक्रम का माहौल कथकमय बन गया था. नृत्यांगनाओं की मनमोहक प्रस्तुतियों से निर्णायक मंडल को विजेताओं को चयन कर पाना मुश्किल हो रहा था. दुषिका ने कथक नृत्य में 109 चक्कर लगाकर दर्शकों को अचंभित कर दिया.
छोटे बच्चों में वाग्मिता, पीहु, समृद्धि, जरिष्ठा ने कथक नृत्य की जबरदस्त प्रस्तुति दी. इतनी कम उम्र के बच्चों को कथक प्रस्तुति देते देख निर्णायक एवं दर्शक आश्चर्यचकित हो गए. सुजीत एवं केशव ने भी शास्त्रीय कथक नृत्य की प्रस्तुति दी और दर्शकों की वाहवाही बटोरी. बाकी प्रतिभागी जैसे आरना, श्रेया, समृद्धि, जरिष्ठा, ओजस्वी, रिद्धिमा, वाग्मिता, अवनी, भूमि, कामाख्या, दक्षिता, विदिशा, हर्षिका ने अपनी जमकर प्रस्तुति दिखाई जिससे ऑडियंस बहुत प्रभावित हुई.
प्रतियोगिता में प्रथम में शिवि, द्वितीय में अमृता और तृतीय में दुषिका को स्थान प्राप्त हुआ. यामिनी सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थान की निदेशिका श्रीमती गीता सिंह ने सभी कलाकारों को प्रशस्ति पत्र एवं मेडल देकर सम्मानित किया. कार्यक्रम के अंत में श्रीमती गीता सिंह जी ने सबका धन्यवाद किया.