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एक ओर ‘ट्रिपल इंजन की सरकार’ का फॉर्मूला, दूसरी ओर मजबूत चेहरे की तलाश

स्थानीय निकाय चुनावों के लिए पार्टियों में मंथन जारी, अपनी
उम्मीदवारी पर मोहर लगवाने में जुटे संभावित प्रत्याशी

एक ओर 'ट्रिपल इंजन की सरकार' का फॉर्मूला, दूसरी ओर मजबूत चेहरे की तलाश

GO GORAKHPUR: नगर निगम चुनावों को लेकर सरगर्मी तेज़ हो गई है. इस संबंध में अधिसूचना का इंतजार कर रहे संभावित उम्मीदवारों ने वार्डों में अपनी दावेदारी शुरू कर दी है. माहौल बनने लगा है. गली—चौराहों पर स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर चर्चाएं आम हो चली हैं. राजनीतिक हलकों में उम्मीदवारों को लेकर गुणा-गणित बढ़ चल गया है. गोरखपुर स्थानीय निकाय चुनाव में हमेशा भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार भारी पड़े हैं, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी भी पूरे दमखम के साथ मैदान में होगी. कांग्रेस भी इन चुनावों में नई ऊर्जा के साथ है. शहर के अस्सी वार्डों में समाजवादी पार्टी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का प्रयास करेगी.

मेयर पद के लिए उम्मीदवारों के नाम पर मंथन जारी
शहर में मेयर पद के लिए भाजपा ने अभी किसी नाम की तरफ इशारा नहीं किया है. पार्टी एकदम नए चेहरे पर मुहर लगा सकती है. आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भी अभी किसी नाम पर सहमति नहीं दिखाई है. मेयर पद के जितने भी चेहरे संभावित हैं वे सभी अपनी दावेदारी को पुख्ता करने में जुटे हैं. मुख्यमंत्री के शहर में जो भी चेहरा भारतीय जनता पार्टी उतारेगी निश्चित रूप से उसे मंदिर से आशीर्वाद हासिल होगा. उम्मीदवार जो भी होगा, पार्टी उसकी जीत तय मानकर चलेगी. हाल में ही मुख्यमंत्री ने शहर में शिलान्यास कार्यक्रम में ट्रिपल इंजन की सरकार की बात कही थी. गोरखपुर की जनता भी इस ट्रिपल इंजन के फॉर्मूले पर अमल कर सकती है. ऐसी स्थिति में आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के लिए मेयर पद का मजबूत दावेदार तलाशना मुश्किल काम हो सकता है.
सभी दलों में उम्मीदवारों का आंतरिक मूल्यांकन
सत्तारूढ़ भाजपा वार्डों में उन्हीं प्रत्याशियों पर दांव खेलेगी जो जीत सुनिश्चित करने वाले दिखेंगे. चर्चा है कि इस बार पार्टी कई सारे ऐसे उम्मीदवारों के पत्ते काट सकती है जो जीतते रहे हैं. पार्टी ऐसे किसी चेहरे पर मुहर नहीं लगा सकती जिसके प्रति जनता में असंतोष हो. इस बार स्थानीय निकाय चुनावों से कई युवा अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने की योजना बना रहे हैं. मोहल्लों में जो होर्डिंग लग रही हैं उनमें नए चेहरे ही ज्यादा हैं. ऐसे में भाजपा भी नए और जुझारू प्रत्याशियों पर दांव खेल सकती है.
‘आप’ के प्रदेश नेतृत्व से संपर्क साधने में जुटे नए चेहरे
एमसीडी के चुनावों में अपने दमदार प्रदर्शन से उत्साहित आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनावों में भी अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है. ऐसे में आम आदमी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने की प्रत्याशा में कई नए चेहरे आम आदमी पार्टी के स्थानीय और प्रदेश स्तरीय नेताओं से संपर्क साधने में जुटे हुए हैं. पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने अभी उम्मीदवारों के चयन के बारे में आधिकारिक तौर पर तो कुछ नहीं कहा है ​लेकिन बताया जाता है कि पार्टी ने अपनी आंतरिक तैयारी कर ली है. समय आने पर पार्टी इस पर पत्ते खोलेगी.
सपा के लिए चुनौती होगा अपनी सीटें बचाना
नगर निगम चुनावों में समाजवादी पार्टी की जो भी सीटें हैं इस बार उन्हें कायम रख पाना एक बड़ी चुनौती होगी. स्थानीय निकाय चुनावों के जानकारों का मानना है कि समाजवादी पार्टी के वोट बैंक में सेंध लगाने का काम आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कर सकते हैं. अल्पसंख्यक बहुल मोहल्लों में जहां सपा के पार्षद हैं वहां नागरिकों में असंतोष देखा जा सकता है. ऐसे वार्डों में बदलाव की एक चाहत महसूस की जा सकती है. अब देखना होगा कि इस नागरिकों के इस असंतोष का लाभ आम आदमी पार्टी उठा पाती है या सत्तारूढ़ भाजपा का उम्मीदवार इन पर भारी पड़ता है. नई सीटों पर अपना कब्जा हासिल कर पाना समाजवादी पार्टी के मौजूदा पार्षदों के लिए टेढ़ी खीर होगा.
इस बार भी कठिन दिख रही कांग्रेस की राह
साल 2017 के स्थानीय निकाय चुनावों में शहर में कांग्रेस का प्रदर्शन असंतोषजनक था. यह तस्वीर इस बार कुछ बदलेगी, यह कहना मुश्किल है. राष्ट्रीय स्तर पर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का स्थानीय निकाय के चुनाव परिणामों पर क्या असर पर पड़ेगा, इसका आकलन कठिन है. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा, शहर पहुंचने वाली है. इन सब कवायदों के बाद भी गोरखपुर में स्थानीय निकाय के चुनावों में पार्टी की राह कठिन है. भारतीय जनता पार्टी के कब्जे वाली सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार पूरी तैयारी के साथ दमखम दिखाना चाहेंगे, लेकिन जन अपेक्षाओं पर वे कितने खरे उतरेंगे यह वक्त बताएगा. 
वार्डों में हर पोल पर लगे दो से तीन होर्डिंग
संभावित उम्मीदवारों ने दीपावली से पहले ही अपने होर्डिंग लगवाकर जनता के बीच हाजिरी दर्ज करानी शुरू कर दी थी. उन्हें उम्मीद थी कि दिवाली के बाद चुनाव का शंखनाद हो जाए, लेकिन उनकी होर्डिंग पुरानी पड़ गई. अब क्रिसमस, नया साल दस्तक देने जा रहा है तो नए पर्व की शुभकामनाओं के साथ मोहल्ले में बिजली के पोल पर नए होर्डिंग लग गए हैं. आज नहीं तो कल तारीख आएगी ही, यही सोचकर संभावित प्रत्याशी वोटर के बीच जाने लगे हैं. हालांकि अभी किसी दल का घोषित प्रत्याशी होने पर अनिश्चितता का आलम वैसा ही है जैसा तीन माह पहले था.
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