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विरासत गलियारे की राह रोक रहे 150 लोग, अब सख्त कदम की तैयारी

विरासत गलियारा योजना गोरखपुर सिटी

भूस्वामी के मुआवजे में हिस्सेदारी की चाह, नहीं खाली कर रहे दुकान

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विरासत गलियारे की राह रोक रहे 150 लोग, अब सख्त कदम की तैयारी
विरासत गलियारे की राह रोक रहे 150 लोग, अब सख्त कदम की तैयारी

Gorakhpur: गोरखपुर में विरासत गलियारे के निर्माण को लेकर किराएदार अब प्रमुख अड़चन बनकर उभरे हैं। धर्मशाला बाजार से पांडेहाता तक करीब 3.5 किलोमीटर लंबी इस सड़क के चौड़ीकरण और आसपास के बाजार को धरोहर के रूप में विकसित करने की प्रशासन की योजना को लेकर कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। हालांकि, इस बार प्रशासन ने सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है। होली के बाद निर्माण कार्य में तेजी आएगी।

क्या है विरासत गलियारा परियोजना?

विरासत गलियारा परियोजना के तहत धर्मशाला बाजार से पांडेहाता तक की सड़क को चौड़ा किया जाना है। इसके साथ ही आसपास के बाजार को ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विकसित करने की योजना है। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद लोक निर्माण विभाग ने सड़क की चौड़ाई को 12.5 मीटर कर दिया था, जिस पर व्यापारियों ने सहमति जताई थी।

दुकानें चलाने वाले किराएदार बन रहे रोड़ा

लोक निर्माण विभाग ने इस परियोजना के लिए 833 भूमिस्वामियों को मुआवजे की रकम देकर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की है। अब तक करीब 350 भूमिस्वामियों की रजिस्ट्री हो चुकी है, और कई ने अपने भवनों का ध्वस्तीकरण भी शुरू कर दिया है। हालांकि, सड़क किनारे किराए पर दुकानें चलाने वाले किराएदार अब प्रशासन की योजना में बाधा बन रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, कई किराएदार सालों से सस्ते किराए पर दुकानें चला रहे हैं और अब वे दुकानें खाली करने को तैयार नहीं हैं। कुछ किराएदार तो मुआवजे में हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं। इस वजह से रजिस्ट्री की प्रक्रिया धीमी हो गई है और निर्माण कार्य में देरी हो रही है।

बाधा डाल रहे लोगों की सूची तैयार

इस स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है। प्रशासन ने गोपनीय तौर पर करीब 150 लोगों की सूची तैयार की है, जो इस योजना में बाधा डाल रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जरूरत पड़ने पर कानूनी प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी।

फरवरी से शुरू होना था निर्माण कार्य

विरासत गलियारा परियोजना के तहत निर्माण कार्य फरवरी से शुरू होना था, लेकिन किराएदारों के विरोध और रजिस्ट्री प्रक्रिया में देरी के कारण काम शुरू नहीं हो पाया है। प्रशासन का मानना है कि अगर किराएदारों के मुद्दे को जल्दी सुलझाया जाता है, तो परियोजना को गति मिल सकती है।

शहर के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम

गोरखपुर की विरासत गलियारा परियोजना शहर के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, किराएदारों के विरोध और मुआवजे को लेकर उत्पन्न विवाद ने इस योजना को धीमा कर दिया है। प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की तैयारी कर ली है, लेकिन यह देखना बाकी है कि यह मामला कितनी जल्दी सुलझता है।

Siddhartha Srivastava

About Author

आज, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला, हिंदुस्तान, दैनिक जागरण जैसे हिंदी पट्टी के अखबारों में 18 साल तक सांस्थानिक पत्रकारिता की. करीब 2 साल Magnon sancus टीम के साथ सांस्थानिक अनुवादक के रूप में कार्य किया. वर्तमान में Go Gorakhpur के लिए स्वतंत्र लेखन और अनुवाद कार्यों से जुड़ा. Contact:- 9871159904, email:- siddhartha@gogorakhpur.com

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