गोरखपुर पुलिस

विदेश भेजने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले गैंग पर लगा गैंगस्टर एक्ट, सरगना सहित तीन गिरफ्तार

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गोरखपुर पुलिस ने विदेश में नौकरी का झांसा देकर फर्जी वीजा और हवाई टिकट बनाने वाले संगठित ठगी गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत बड़ी कार्रवाई की है। गिरोह का सरगना चंदन यादव सहित तीन सदस्य गिरफ्तार।

गोरखपुर: विदेश में नौकरी का सुनहरा सपना दिखाकर लाखों की ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह पर गोरखपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पीपीगंज थाना क्षेत्र में सक्रिय इस ठगी गिरोह के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है, जो इस तरह के आपराधिक मामलों में अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और प्रभावी कदम माना जा रहा है। ऐसे जालसाजों से सिर्फ पैसे का नुकसान ही नहीं होता, बल्कि पीड़ितों के भविष्य के सपने भी टूट जाते हैं, जिससे उन्हें भावनात्मक और आर्थिक दोनों तरह की क्षति उठानी पड़ती है।

गिरोह का सरगना और सदस्य: पुलिस के अनुसार, इस धोखाधड़ी गिरोह का सरगना हरिखोरा निवासी चंदन यादव है, जिसकी पहुंच और नेटवर्क काफी बड़ा बताया जा रहा है। मालवीय नगर निवासी निकेतन त्रिपाठी और हरिखोरा के अभयनाथ मौर्या इस गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं, जो सरगना के निर्देशों पर काम करते थे। इस गिरोह की कार्यप्रणाली बेहद शातिर थी। ये सोशल मीडिया पर आकर्षक विज्ञापनों और एजेंटों के माध्यम से उन भोले-भाले युवाओं को निशाना बनाते थे जो विदेश जाकर बेहतर भविष्य बनाने की चाह रखते थे। ये पीड़ितों को विदेश में उच्च वेतन वाली, आसान नौकरियों का झांसा देते थे, जैसे कि दुबई या सिंगापुर में कंस्ट्रक्शन, हॉस्पिटैलिटी या अन्य क्षेत्रों में नौकरियां। एक बार जब पीड़ित इनके झांसे में आ जाते थे, तो ये उनसे विभिन्न चरणों में पैसे ऐंठना शुरू कर देते थे, जैसे ‘प्रोसेसिंग फीस’, ‘वीजा शुल्क’, ‘मेडिकल जांच’ और ‘हवाई टिकट’ के नाम पर। अक्सर ये पीड़ितों से नकद भुगतान की मांग करते थे ताकि कोई डिजिटल निशान न छूटे, या ऐसे बैंक खातों में पैसे डलवाते थे जो जल्द ही बंद कर दिए जाते थे। उनके जाल में फंसाने के लिए बेहद शातिराना तरीके से फर्जी वीजा, नकली हवाई टिकट और प्रतिष्ठित कंपनियों के जाली बुलावा पत्र (ऑफर लेटर) तैयार किए जाते थे, ताकि पीड़ितों को जरा भी शक न हो। ये जाली दस्तावेज इतने विश्वसनीय लगते थे कि अक्सर लोग आसानी से इनके झांसे में आ जाते थे, कई बार तो पीड़ितों को जाली इंटरव्यू और प्री-डिपार्चर ब्रीफिंग भी दी जाती थी ताकि उनका विश्वास और मजबूत हो जाए।

गैंगस्टर एक्ट के तहत पहली कार्रवाई: पुलिस ने इस संगठित गिरोह के खिलाफ ‘धोखाधड़ी गैंग’ नाम से एक विस्तृत गैंगचार्ट तैयार किया था, जिसे 11 जून, 2025 को एसपी और जिलाधिकारी की उच्च-स्तरीय बैठक में विधिवत अनुमोदन मिल गया। थाना प्रभारी प्रभु दयाल सिंह ने इस कार्रवाई के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि यह गोरखपुर में पहला ऐसा मामला है, जब विदेश भेजने के नाम पर की गई ठगी के आरोप में किसी गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कदम ऐसे आपराधिक गिरोहों को नियंत्रित करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को पूरी तरह से रोकने के लिए पुलिस की दृढ़ता और नए दृष्टिकोण को दर्शाता है। गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने से आरोपियों की संपत्ति भी जब्त की जा सकती है, जो ऐसे अपराधों के खिलाफ एक मजबूत निवारक का काम करता है और अपराधियों के हौसले पस्त करता है।

दो बड़े मामलों में हुआ था भंडाफोड़: इस गिरोह का पर्दाफाश दो प्रमुख धोखाधड़ी के मामलों से हुआ था, जिन्होंने पुलिस को इस संगठित अपराध की गहराई तक पहुंचने में मदद की। देवरिया निवासी अजय कुमार प्रसाद के मामले में, गिरोह ने 3 मई, 2024 को उन्हें एक आकर्षक पैकेज के तहत फर्जी वीजा और हवाई टिकट दिया था। जब अजय 21 अप्रैल, 2025 को अपनी विदेश यात्रा के लिए एयरपोर्ट पहुंचे, तो उन्हें उस समय गहरा सदमा लगा जब उनका टिकट रद्द पाया गया। उनके सपने पल भर में टूट गए। आगे की गहन जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि उन्हें दिया गया वीजा भी पूरी तरह से जाली था, जिससे स्पष्ट हो गया कि वे एक बड़े और सुनियोजित धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं।

इसी तरह का एक और मामला 8 अगस्त, 2024 को सामने आया, जिसमें महराजगंज के शैलेश यादव को भी इसी शातिर गिरोह ने ठगा था। शैलेश जब दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे, तो उनके वीजा की जांच के दौरान वह भी फर्जी निकला, जिसके बाद इस संबंध में तत्काल प्राथमिकी दर्ज की गई। इन दोनों घटनाओं ने न केवल पीड़ितों को भारी वित्तीय नुकसान पहुँचाया, बल्कि उनके भविष्य की योजनाओं को भी बुरी तरह प्रभावित किया और उन्हें मानसिक आघात पहुँचाया। इन घटनाओं ने गिरोह के काम करने के तरीके और उनकी ठगी के जाल को उजागर किया, जिससे पुलिस को उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने का ठोस आधार मिला।

पुलिस का कहना है कि इस कार्रवाई से उन लोगों को एक मजबूत संदेश जाएगा जो विदेश में नौकरी के नाम पर लोगों से ठगी करते हैं। पुलिस आगे भी ऐसे गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रखेगी ताकि आम जनता को ठगी से बचाया जा सके।



Amit Srivastava

Amit Srivastava

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गोरखपुर विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से अध्ययन. Amit Srivastava अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान के साथ करीब डेढ़ दशक तक जुड़े रहे. गोरखपुर शहर से जुड़े मुद्दों पर बारीक नज़र रखते हैं.

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