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गोरखपुर नगर निगम खरीदेगा 2 करोड़ का ‘सफाई रोबोट’, प्रदेश में पहला प्रयोग

गोरखपुर नगर निगम खरीदेगा 2 करोड़ का 'सफाई रोबोट', प्रदेश में पहला प्रयोग

गोरखपुर: नगर निगम अब शहर के नालों और कलवर्ट की सफाई को एक नया आयाम देने जा रहा है। निगम ने लगभग दो करोड़ रुपये की लागत से एक विशेष सफाई रोबोट खरीदने की तैयारी की है। इस आधुनिक तकनीक से नालों में जमी गंदगी और रुकावटों को कम समय में और अधिक प्रभावी ढंग से साफ किया जा सकेगा। अधिकारियों के अनुसार, यह रोबोटिक तकनीक न केवल सफाई कार्य को गति देगी, बल्कि नगर निगम कर्मियों को जोखिमपूर्ण और गंदे वातावरण में उतरने की आवश्यकता को भी समाप्त करेगी।

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सफाई रोबोट रोकेगा बहाव, कम समय में करेगा सफाई

नगर निगम जिस रोबोट को खरीदने जा रहा है, उसकी कार्यप्रणाली काफी उन्नत बताई जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक, यह रोबोट नालों के बहाव को कुछ समय के लिए रोककर, गंदगी और रुकावटों को तेजी से साफ करने में सक्षम होगा। नालों के कलवर्ट में जमा हुई सिल्ट, प्लास्टिक और अन्य ठोस कचरे को रोबोट की मदद से आसानी से हटाया जा सकेगा। इस कदम से सफाई व्यवस्था में पारदर्शिता और दक्षता दोनों बढ़ने की उम्मीद है।

उत्तर प्रदेश का पहला रोबोटिक सफाई निकाय

गोरखपुर नगर निगम प्रदेश का पहला ऐसा निकाय बनने जा रहा है, जो नालों और कलवर्ट की सफाई में रोबोटिक तकनीक का उपयोग करेगा। निगम अधिकारियों का मानना है कि इस आधुनिक पहल से मानसून के दौरान शहर में होने वाली जलभराव की समस्या से काफी हद तक राहत मिलेगी, क्योंकि प्रमुख नालों की सफाई पहले से कहीं बेहतर ढंग से हो सकेगी।

मुंबई से सीखेंगे रोबोट संचालन की तकनीक

इस उन्नत सफाई रोबोट के संचालन और रखरखाव की पूरी जानकारी हासिल करने के लिए गोरखपुर नगर निगम के अधिकारी जल्द ही मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का दौरा करेंगे। मुंबई में पहले से ही इस प्रकार के आधुनिक सफाई उपकरणों का सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है। मुंबई के अनुभवों से सीखकर, गोरखपुर के अधिकारी इस नई तकनीक को स्थानीय सफाई व्यवस्था में लागू करने की रूपरेखा तैयार करेंगे। सहायक नगर आयुक्त अविनाश प्रताप सिंह ने बताया कि रोबोट की खरीद प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी और सफल परीक्षण के बाद इसे शहर के प्रमुख नालों की सफाई में लगाया जाएगा।


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Amit Srivastava

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गोरखपुर विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से अध्ययन. Amit Srivastava अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान के साथ करीब डेढ़ दशक तक जुड़े रहे. गोरखपुर शहर से जुड़े मुद्दों पर बारीक नज़र रखते हैं.

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