Last Updated on September 26, 2025 6:37 PM by गो गोरखपुर ब्यूरो
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक एवं शिक्षणेत्तर नियुक्तियों को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब विश्वविद्यालयों में होने वाली इन नियुक्तियों की कमेटी में शासन का एक प्रतिनिधि नामित किया जाएगा। बृहस्पतिवार को विधान भवन स्थित कार्यालय में विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने ये महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि उच्च शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके साथ ही, मंत्री ने विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव तैयार करने का भी निर्देश दिया है, जो अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों को मिलती है।
उच्च शिक्षा मंत्री का निर्देश: नियुक्ति कमेटी में अब सरकारी प्रतिनिधि
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि विश्वविद्यालयों में होने वाली शैक्षणिक और शिक्षणेत्तर नियुक्तियों की प्रक्रिया को पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया जाए। इस उद्देश्य से, नियुक्ति कमेटी में अब शासन के एक प्रतिनिधि को नामित किया जाएगा। इस संबंध में जल्द ही एक समिति गठित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। यह निर्णय उच्च शिक्षा व्यवस्था में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
महाविद्यालयों की मान्यता प्रक्रिया में क्षेत्रीय अधिकारियों को शामिल करने का आदेश
मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने विश्वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालयों की मान्यता और नए पाठ्यक्रमों की मंजूरी के साथ-साथ नए महाविद्यालयों की स्थापना के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने की प्रक्रिया को भी अधिक सुव्यवस्थित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इन प्रक्रियाओं में अब क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को भी शामिल किया जाए। इससे जमीनी हकीकत को बेहतर ढंग से समझा जा सकेगा और निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुधार होगा।
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शैक्षणिक कैलेंडर का पालन न करने पर होगी कुलपति की जिम्मेदारी तय
उच्च शिक्षा मंत्री ने शैक्षणिक व्यवस्था को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने साफ कहा कि शैक्षणिक कैलेंडर का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। कैलेंडर का पालन न करने की स्थिति में संबंधित कुलपति की जिम्मेदारी शासन स्तर पर तय की जाएगी। मंत्री ने अधिकारियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत मूल्यांकन समिति का गठन करने का भी निर्देश दिया। बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल, सचिव अमृत त्रिपाठी, विशेष सचिव गिरजेश त्यागी और निधि श्रीवास्तव सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
शिक्षकों के लिए कैशलेस चिकित्सा और पुरस्कार जल्द होंगे शुरू
बैठक में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के कल्याण से जुड़े एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी बात हुई। मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों की तर्ज पर ही विश्वविद्यालय के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को भी कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान किए जाने का प्रस्ताव जल्द तैयार किया जाए। इसके अलावा, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दिए जाने वाले शिक्षक पुरस्कार को भी जल्द ही शुरू करने पर सहमति बनी है। मंत्री ने इसके लिए भी अधिकारियों से कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा है।