महाकुंभ: 31 करोड़ ने लगाई डुबकी, अमेरिका की आबादी से भी ज़्यादा पहुंचेगा आंकड़ा महाकुंभ 2025

महाकुंभ: 31 करोड़ ने लगाई डुबकी, अमेरिका की आबादी से भी ज़्यादा पहुंचेगा आंकड़ा

Mahakumbh in Prayagraj: 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. अब तक 31 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं. यह संख्या दुनिया के 192 देशों की आबादी से भी ज़्यादा है.

जिला अस्पताल में भर्ती श्रद्धालुओं को देखने पहुंचे मेयर डॉ. मंगलेश. उनके साथ हैं प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र ठाकुर. Photo: सोशल मीडिया वारदात

गगहा में भीषण बस हादसा: एक की मौत, 26 घायल

महाकुंभ से लौट रही बसों की आपस में हो गई टक्कर Gorakhpur: गोरखपुर के गगहा राष्ट्रीय राजमार्ग पर शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक श्रद्धालु की मौत हो गई और 26 लोग घायल हो गए. यह हादसा महाकुंभ से स्नानार्थियों को लेकर आ रही दो परिवहन निगम की बसों के बीच हुआ. […]

घायलों को ले जा रही एंबुलेंस के लिए रास्ता खाली कराते सुरक्षा कर्मी. फोटो ​क्रेडिट: द हिंदू नेशनल

कुंभ में हादसा, कई लोगों के हताहत होने का अंदेशा

Mahakumbh Stampede: प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में बुधवार रात तकरीबन डेढ़ बजे एक घाट पर भगदड़ मच गई. इस घटना में कई लोग हताहत हुए हैं. बीबीसी हिंदी ने प्रयागराज सिटी के एक डॉक्टर के हवाले से बताया है कि इस घटना में कम से कम 15 लोगों की मौत हुई है और कई लोग घायल हैं. हालांकि प्रशासन ने अभी तक किसी भी मौत की पुष्टि नहीं की है.

क्या होता है कल्पवास? पद्म पुराण में बताए गए हैं ये 21 नियम... महाकुंभ 2025

क्या होता है कल्पवास? पद्म पुराण में बताए गए हैं ये 21 नियम…

Kalpvas kya hai: महाकुंभ मेले में कल्पवास का विशेष महत्व है. इस दौरान श्रद्धालु एक महीने तक संगम के तट पर रहकर वेदाध्ययन, ध्यान और पूजा में लीन रहते हैं. ऐसा माना जाता है कि कल्पवास करने से व्यक्ति को सुख- समृधि, सौभाग्य, संपन्नता और सकारात्मकता की प्राप्ति होती है.

सातवीं सदी में लिखा गया कुंभ पर पहला लेख, जानिए किसने चलाई कलम महाकुंभ 2025

सातवीं सदी में लिखा गया कुंभ पर पहला लेख, जानिए किसने चलाई कलम

Mahakumbh Mela History: महाकुंभ की महाशुरुआत रविवार आधी रात से हो गई. यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में दर्ज महाकुंभ में इस बार 144 साल बाद दुर्लभ संयोग बना है. भारतीय जनमानस में महाकुंभ का महत्व बहुत बड़ा है. सदियों से यह सनातनी समाज में बसा हुआ है. महाकुंभ की शुरुआत कबसे हुई? जब इसकी पड़ताल करते हैं तो सबसे पहला लिखित विवरण…..

बतकही-गो गोरखपुर बतकही

कुंभ स्नान: आस्था और मोक्ष की तलाश

Kumbh Mela Prayagraj Faith and Rituals: “प्रयागराज महाकुंभ -2025” 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी को समाप्त होगा. क्या आप या आपके परिजन  इस  कुंभ स्नान में शामिल होंगे? ज्ञानीजन कहते हैं कि कुंभ में स्नान  अत्यंत फलदायी  है. इसके तीन प्रमुख  निहितार्थ हैं – पापों का नाश, पितृ ऋण से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति.

महाकुंभ 2025: कुछ अनजाने तथ्य… महाकुंभ 2025: कहानी कुंभ मेले की… गोरखपुर सिटी: टॉप टेन