…जरा तुम दाम तो बोलो यहां ईमान बिकते हैं
दुबे जी एक तरफ सिंह साहब दूसरी तरफ। दुबे जी तर्क कर रहे थे। अच्छे पढ़े-लिखे लड़के अब प्राइवेट सेक्टर में जा रहे हैं। वहां उनके ज्ञान और कौशल का महत्व है। कंपनियां उन्हें अच्छी तनख्वाह दे रही हैं। टैलेंट है इसलिए आगे बढ़ाने में देर नहीं होती। वे अपने तर्क के समर्थन में एक […]