गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन इलेक्ट्रिकल टेस्टिंग एंड एनर्जी सिस्टम रिलायबिलिटी’ की स्थापना की जाएगी। विश्वविद्यालय की योजना इस केंद्र को बिजली के उपकरणों और प्रणालियों के उच्च गुणवत्ता वाले परीक्षण, मानकीकरण, अनुसंधान और नवाचार के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करने की है।
केंद्र का उद्देश्य और लागत: इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. प्रभाकर तिवारी और डॉ. रोहित बाबू ने इस केंद्र की स्थापना के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है। प्रस्ताव के अनुसार, इस अत्याधुनिक परीक्षण और मानकीकरण केंद्र की स्थापना में लगभग 53 लाख रुपये की अनुमानित लागत आएगी, जिसे विश्वविद्यालय अपने आंतरिक संसाधनों से वहन करेगा। प्रस्तावित केंद्र को विद्या परिषद् की मंजूरी मिल चुकी है और इसे वित्त समिति की आगामी बैठक में अंतिम अनुमोदन के लिए रखा जाएगा। वित्त समिति से मंजूरी मिलते ही केंद्र की स्थापना का कार्य शुरू हो जाएगा।
उपलब्ध सुविधाएँ और उपकरण: इस केंद्र में विभिन्न उन्नत उपकरण उपलब्ध होंगे, जिनमें हाई वोल्टेज इंसुलेशन टेस्टर, डिजिटल केबल फॉल्ट लोकेटर, ऑटोमैटिक ट्रांसफार्मर ऑयल टेस्टिंग किट, एल.ई.डी. लाइट टेस्टिंग बेंच और बैटरी एमुलेटर शामिल हैं। इन उपकरणों की सहायता से विभिन्न विद्युत उपकरणों की गुणवत्ता और मानकों का गहन परीक्षण किया जा सकेगा। यहाँ सिंगल कोर और थ्री कोर केबल की जांच, एल.ई.डी. लाइट के विभिन्न मानकों की जांच, बैटरी के विभिन्न मानकों की जांच, और ट्रांसफार्मर आदि के विभिन्न मानकों पर परीक्षण की सुविधा उपलब्ध होगी।
राजस्व अर्जन और सहयोग: प्रस्तावित केंद्र विश्वविद्यालय के लिए राजस्व अर्जित करने का भी एक महत्वपूर्ण स्रोत बनेगा। यह वाणिज्यिक परीक्षण और सत्यापन सेवाएँ प्रदान करेगा, जहाँ विभिन्न उद्योग और निर्माता अपने विद्युत उत्पादों की गुणवत्ता का परीक्षण करा सकेंगे। इसके अतिरिक्त, केंद्र के विशेषज्ञ डिज़ाइन सत्यापन और सुरक्षा अनुपालन के लिए परामर्श सेवाएँ भी प्रदान करेंगे। यह केंद्र विद्युत परीक्षण और मानकीकरण की दिशा में प्रशिक्षण और प्रमाणन कार्यक्रम भी चलाएगा।
बहुआयामी लाभ: विश्वविद्यालय को उम्मीद है कि यह केंद्र विद्युत परीक्षण और ऊर्जा प्रणालियों के क्षेत्र में उच्चस्तरीय अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देगा, जिससे शैक्षणिक गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा। उद्योगों के साथ सहयोग से परीक्षण, सत्यापन और परामर्श सेवाएँ प्रदान की जाएंगी, जिससे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और वित्तीय संसाधन बढ़ेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को कुशल बनाया जाएगा, जिससे रोज़गार के अवसर और प्लेसमेंट में वृद्धि होगी।
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यह केंद्र गोरखपुर शहर को तकनीकी और आर्थिक रूप से मज़बूत करेगा, स्थानीय उद्योगों और उद्यमियों को समर्थन देगा तथा निवेश और रोज़गार के अवसर बढ़ाएगा। यह युवाओं को विशेष कौशल प्रदान करेगा, जिससे तकनीकी कार्यबल बढ़ेगा। राष्ट्रीय स्तर पर, केंद्र ऊर्जा दक्षता, नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत प्रणालियों की विश्वसनीयता पर अनुसंधान करेगा, जिससे भारत की ऊर्जा चुनौतियों का समाधान होगा।
यह केंद्र एमएमएमयूटी को अनुसंधान और उद्योग सहयोग में अग्रणी बनाएगा, गोरखपुर और उत्तर प्रदेश को तकनीकी रूप से सशक्त करेगा, और भारत की ऊर्जा सुरक्षा तथा तकनीकी विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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