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छात्रों की बल्ले-बल्ले! डीडीयू ने घटाई बैक पेपर, विलंब शुल्क सहित कई फीसें, जानें पूरी लिस्ट

डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय
डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्रों को बड़ी राहत! कार्य परिषद ने पंजीकरण, बैक पेपर, परीक्षा फॉर्म और प्रमाण पत्र शुल्क में कमी/संशोधन को मंजूरी दी। जानें नई शुल्क दरें।

गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने छात्र हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए विभिन्न शैक्षणिक शुल्कों में संशोधन को मंजूरी दे दी है। कुलपति प्रो. पूनम टंडन की अध्यक्षता में हुई कार्य परिषद की बैठक में छात्रों के पंजीकरण, परीक्षा फॉर्म, बैक पेपर, अंक-पत्र, टी.सी., माइग्रेशन और प्रोविजनल प्रमाण पत्र से संबंधित शुल्कों में संशोधन हेतु गठित समिति की सिफारिशों पर विचार किया गया। वित्त समिति ने छात्र संगठनों के प्रतिवेदनों और समिति की अनुशंसा के आधार पर प्रस्तुत शुल्क संशोधन प्रस्तावों को पहले ही अनुमोदन प्रदान कर दिया था।

किन शुल्कों में हुआ संशोधन?

छात्रों को राहत देने वाले ये प्रमुख संशोधन निम्नवत हैं:

  • बैक पेपर शुल्क:
    • अब प्रति छात्र प्रति सेमेस्टर अधिकतम तीन पेपर तक ₹500 प्रति पेपर शुल्क लिया जाएगा।
    • यदि पेपर तीन से अधिक हैं तो अधिकतम ₹1500 शुल्क देय होगा। (पहले यह शुल्क अधिक था, जिसका विवरण यहाँ नहीं दिया गया है, लेकिन इसे कम किया गया है।)
  • पंजीकरण विलंब शुल्क:
    • कुलपति की विशेष अनुमति प्राप्त मामलों में पंजीकरण का विलंब शुल्क ₹5000 से घटाकर अधिकतम ₹2000 कर दिया गया है। यह छात्रों पर पड़ने वाले अनावश्यक आर्थिक बोझ को कम करेगा।
  • परीक्षा फॉर्म विलंब शुल्क:
    • समयसीमा के बाद परीक्षा फॉर्म भरने पर कुलपति की अनुमति से लगने वाला शुल्क भी ₹5000 से घटाकर अधिकतम ₹2000 निर्धारित किया गया है।
  • परीक्षा फॉर्म, अंक-पत्र एवं डिग्री (उपाधि) में संशोधन शुल्क:
    • इस श्रेणी के शुल्क में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, शुल्क पूर्ववत ही रहेगा।
  • टी.सी., माइग्रेशन एवं प्रोविजनल प्रमाण पत्र शुल्क:
    • इन सभी प्रमाण पत्रों के शुल्क को पहले ₹200 से बढ़ाकर ₹500 करने का प्रस्ताव था, जिसे कम करके ₹300 प्रति प्रमाण पत्र कर दिया गया है। यह छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है।

“छात्रहित को सर्वोच्च प्राथमिकता” – कुलपति प्रो. पूनम टंडन

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने इस फैसले पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “विश्वविद्यालय छात्रहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। शुल्क संशोधन का उद्देश्य प्रक्रियाओं को सुगम बनाना तथा विद्यार्थियों पर आर्थिक भार को यथासंभव कम करना है। हम शिक्षण और सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए समावेशी और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

यह निर्णय उन हजारों छात्रों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा जो विभिन्न शुल्कों के कारण वित्तीय दबाव महसूस कर रहे थे।



गो गोरखपुर ब्यूरो

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