Kushinagar: निजी अस्पताल में प्रसव के बाद पत्नी व नवजात को निजी अस्पताल से छुड़ाने के लिए बेचे गए बच्चे को कुशीनगर पुलिस ने 24 घंटे में सकुशल छुड़ा लिया. कुशीनगर पुलिस ने मुताबिक बच्चे को शनिवार को चौराखास क्षेत्र के मंगुरी पट्टी गांव से छुड़ाया गया और उसे उसके पिता को सुपुर्द भी कर दिया. पुलिस ने इस मामले में अस्पताल संचालिका और बच्चा खरीदने के आरोपी दंपती सहित कुल पांच को गिरफ्तार किया है. निजी अस्पताल सील कर दिया गया है. वहीं, जांच में गोदनामा भी फर्जी पाया गया.
बरवा पट्टी थानाक्षेत्र के दशहवा गांव के भेड़िहारी टोला निवासी हरेश पटेल की पत्नी लक्ष्मीना का गांव के चौराहे पर खुशी क्लीनिक में प्रसव हुआ था. नार्मल प्रसव के बाद चार हजार रुपये के लिए बांसगांव की रहने वाली अस्पताल संचालिका तारा कुशवाहा और दशहवा की रहने वाली उसकी सहयोगी सुगांती देवी ने लक्ष्मीना और नवजात को अस्पताल में रोक लिया था.
आर्थिक तंगी से जूझ रहे हरेश ने अपने दो साल के बेटे राजा को पश्चिमी चंपारण जिले के लक्ष्मीपुर गांव निवासी अमावस उर्फ अमरेश के जरिये से चौराखास थाना क्षेत्र के मंगुरी पट्टी गांव निवासी के भोला यादव को 20 हजार रुपये में बेच दिया. इसके बाद और जच्चा-बच्चा को अस्पताल से छुड़ाकर घर ले गया. घर जाने पर लक्ष्मीना ने बेटे राजा को तलाशना शुरू किया तब हरेश ने उसे बेच देने की बात बताई थी. शुक्रवार को सिपाही सूर्यदीप पहुंचा और कार्रवाई के नाम पर डराकर उसने हरेश से पांच हजार रुपये वसूल लिए. मामला डीएम और एसपी तक पहुंचा तो पुलिस टीम सक्रिय हो गई और अरोपियों को गिरफ्तार कर बच्चे को बरामद कर लिया.
कुशीनगर के एसपी एसपी संतोष कुमार मिश्र ने मीडिया से बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल सील कर दिया है. आरोपी दंपती, बिचौलिया, अस्पताल संचालिका व उसकी सहयोगी को गिरफ्तार किया गया है. इस रैकेट में शामिल लोगों के बारे में पता लगाया जा रहा है. आरोपी सिपाही लाइन हाजिर कर दिया गया है. बच्चे को उसके पिता को सुपुर्द कर दिया गया है.
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