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गोरखपुर में बनने जा रहा है उत्तर प्रदेश का पहला साहित्य पार्क, जानें विस्तार से

गोरखपुर में बनेगा साहित्य पार्क

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गोरखपुर में बनने जा रहा है उत्तर प्रदेश का पहला साहित्य पार्क, जानें विस्तार से
गोरखपुर में बनने जा रहा है उत्तर प्रदेश का पहला साहित्य पार्क, जानें विस्तार से

Gorakhpur: गोरखपुर शहर को एक नई पहचान मिलने जा रही है। उत्तर प्रदेश का पहला साहित्य पार्क (लिटरेरी पार्क) गोरखपुर के हरसेवकपुर वार्ड नंबर 31 में बनाया जाएगा। यह पार्क साहित्य, अध्यात्म और योग से जुड़े महापुरुषों की प्रेरणादायक विरासत को समर्पित होगा। इसके लिए नगर निगम ने हरसेवकपुर के राजस्व ग्राम नंबर 2 में 8.50 एकड़ जमीन में से 4.50 एकड़ जमीन का चयन किया है। इस प्रोजेक्ट के लिए 11.99 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है, जिसे शासन की स्वीकृति के लिए भेजा जा चुका है।

साहित्य पार्क की खासियत

  1. मूर्तियां और विचार: पार्क में साहित्य, अध्यात्म और योग से जुड़े महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। उनके अनमोल विचार पत्थर की पट्टिकाओं पर अंकित होंगे।
  2. ओपन लाइब्रेरी: पार्क में एक ओपन लाइब्रेरी बनाई जाएगी, जहां लोग निशुल्क पुस्तकें पढ़ सकेंगे और साहित्यिक विमर्श कर सकेंगे।
  3. साहित्यिक गतिविधियां: युवा कवियों और लेखकों को प्रेरित करने के लिए ओपन माइक सेशन, काव्य गोष्ठियां और साहित्यिक चर्चाएं आयोजित की जाएंगी।
  4. प्राकृतिक सौंदर्य: पार्क में हरे-भरे पेड़, झील, फव्वारे और छायादार स्थान होंगे, जो पाठकों और साहित्य प्रेमियों को शांत माहौल प्रदान करेंगे।
  5. आधुनिक सुविधाएं: क्यूआर कोड के माध्यम से ई-पुस्तकों और ऑडियोबुक्स तक पहुंच की सुविधा उपलब्ध होगी।
  6. लेखन कार्यशालाएं: बाल साहित्य को समर्पित विशेष क्षेत्र और लेखन कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी, ताकि नई पीढ़ी को साहित्य से जोड़ा जा सके।

स्थानीय लोगों में हर्ष

हरसेवकपुर की स्थानीय पार्षद निर्मला देवी ने इस प्रोजेक्ट के लिए महापौर डॉ. मंगलेश कुमार श्रीवास्तव, नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल का आभार जताया है। नगर निगम के मुख्य अभियंता संजय चौहान ने बताया कि शासन से स्वीकृति मिलते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नगर निगम की इस घोषणा से स्थानीय लोगों में भी हर्ष है। गौरतलब है कि इस क्षेत्र में आसपास कोई पार्क नहीं है।

साहित्य पार्क का महत्व

यह पार्क साहित्य प्रेमियों के लिए एक बड़ी सौगात होगा। यहां लोग अपनी सांस्कृतिक विरासत से जुड़कर साहित्य और अध्यात्म के संगम का अनुभव कर सकेंगे। साहित्यिक कैफे की सुविधा भी होगी, जहां चाय-कॉफी के साथ किताबें पढ़ने का आनंद लिया जा सकेगा।

Priya Srivastava

Priya Srivastava

About Author

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में परास्नातक. gogorakhpur.com के लिए हेल्थ, सिनेमा, टेक और फाइनेंस बीट पर रिसर्च करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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